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जब ऑनलाइन होटल बुकिंग ने बना दी रात की नींद हराम – एक फ्रंट डेस्क कर्मी की मजेदार कहानी

होटल में तीसरे पक्ष की बुकिंग के लिए चेक इन करते ठेकेदारों का समूह, टीमवर्क और यात्रा की सुविधा दर्शाता है।
ठेकेदारों का एक जीवंत दृश्य होटल में पहुंचते हुए, तीसरे पक्ष की बुकिंग की सरलता और दक्षता को उजागर करता है। यह फोटोरियलिस्टिक छवि व्यापार यात्रियों के लिए समूह बुकिंग को सुगम बनाने वाले भाईचारे और लॉजिस्टिक समन्वय को कैद करती है।

कभी-कभी होटल में काम करना वैसा ही होता है जैसे आप रेलवे स्टेशन पर टिकट का इंतजार कर रहे हों और अचानक पता चले कि आपकी ट्रेन ही गायब है! आज मैं आपको ऐसी ही एक होटल की विचित्र और हंसी से भरपूर कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जो साबित करती है कि ‘तीसरे पक्ष की बुकिंग’ यानी थर्ड पार्टी रिजर्वेशन का खेल बड़ा ही लाजवाब है।

सोचिए, आप होटल के रिसेप्शन पर अपनी शिफ्ट के आखिरी तीन घंटे गिन रहे हैं, बस अब जल्दी घर पहुंचकर नींद के मजे लेंगे। तभी दो ठेकेदार भाई साहब आते हैं, चेहरे पर थकावट और उम्मीद दोनों। आते ही पूछते हैं – “Spanish?” भाई, मेरा डुएलिंगो स्पैनिश बस इतना ही चलता है कि हाउसकीपिंग को ‘नमस्ते’ बोल सकूं या बता सकूं कि कौन सा कमरा ‘स्टे ओवर’ है। खैर, असली मज़ा तो इसके बाद शुरू हुआ।

बुकिंग का झोल – होटल कर्मियों की रोज़ की जंग

जब मैंने दोनों मेहमानों से उनका नाम पूछा, रिजर्वेशन लिस्ट में उनका नाम ही नहीं था। लगा शायद होटल के नाम में कन्फ्यूजन हो गया हो, रोज़ किसी न किसी को गलत होटल समझ आ ही जाता है। लेकिन जब उन्होंने अपनी बुकिंग कन्फर्मेशन दिखाई, तो पता चला पता भी हमारा ही है, तारीख भी आज की! अरे भाई, फिर रिजर्वेशन गया कहाँ?

मैंने सोचा शायद सिस्टम में कोई गड़बड़ है, अगले दिन की बुकिंग तो नहीं? लेकिन वहाँ भी कुछ नहीं। कन्फर्मेशन नंबर डाला तो सिस्टम बोला – “माफ करना, ये नंबर तो हमारे पास नहीं है।”

अब अंग्रेज़ी-हिंदी-थोड़ी टूटी-फूटी स्पैनिश में समझाने की कोशिश हुई, पर बात बनी नहीं। आखिरकार दोनों ने अपने बॉस को फोन लगाया। बॉस साहब ने बताया कि बुकिंग हमारे प्रिय Shmooking.com से की गई है। मैंने भी कह दिया – "तो फिर वहीं कॉल करो, भैया!"

Shmooking.com – उम्मीदों की दुकान या परेशानी का बाजार?

जैसे ही मेहमान बाहर गए, मैंने खुद Shmooking.com की वेबसाइट पर अपनी प्रॉपर्टी चेक की। बुकिंग वहाँ दिख रही थी! पर हमारे PMS (Property Management System) में उसका पता नहीं। अब बताइए, शादी में मेहमान तो कार्ड लेकर आ गए, पर दरवाजे पर नाम ही नहीं!

बॉस ने फिर फोन किया – “भैया, अब क्या करें?” मैंने कहा – “आपकी बुकिंग वेबसाइट पर तो दिख रही है, पर हमारे सिस्टम में नहीं। अब मैं क्या जुगाड़ लगाऊं?”

फिर हिम्मत करके वेबसाइट पर दिए गए वर्चुअल कार्ड से नई बुकिंग बना दी, वो भी टैक्स से मुक्त! बॉस साहब को खबर की – “लो जी, काम हो गया।” उन्होंने भी तौबा कर ली – “अब से Shmooking.com से बुकिंग नहीं करूंगा!”

कम्युनिटी की राय – क्या कहते हैं होटल इंडस्ट्री के अनुभवी?

इसी तरह की परेशानियां और भी कई होटल कर्मियों ने झेली हैं। एक कमेंट में किसी ने लिखा – “भैया, यही हाल हमारे साथ भी हुआ, वही वेबसाइट, वही टेंशन!” एक और सज्जन बोले – “हमारे यहाँ तो चार-चार OTA से ईमेल आती हैं, हर रिजर्वेशन मैन्युअली डालनी पड़ती है। हर एक का रेट कोड अलग, कोई टैक्स फ्री तो कोई नहीं!”

तीस साल से होटल इंडस्ट्री में काम कर चुके एक अनुभवी ने तो यहाँ तक कहा – “आजकल हर होटल की खुद की वेबसाइट है, फिर ये थर्ड पार्टी OTA की ज़रूरत ही क्या है? जो 12-13 डॉलर बचाने के चक्कर में लोग घंटों परेशान होते हैं, सीधा होटल की वेबसाइट से बुक करो, चैन की नींद लो!”

लेकिन दूसरी ओर, एक पाठक ने तर्क दिया – “कई बार थर्ड पार्टी वेबसाइट पर होटल से आधी कीमत में रूम मिल जाता है, तो भला कौन छोड़ना चाहेगा?” किसी ने तो यह भी कहा कि छोटे शहरों या विदेशी भाषा वाले इलाकों में डायरेक्ट बुकिंग करना और भी सिरदर्दी है।

भारतीय नजरिए से – क्या हमें भी सीधा बुक करना चाहिए?

हमारे यहाँ भी, चाहे शादी हो या होटल बुकिंग, लोग अक्सर ‘मामा-फूफा’ या एजेंट के भरोसे काम कर देते हैं। कई बार ऑनलाइन ट्रैवेल एजेंट (OTA) से सस्ता मिल जाता है, तो कभी-कभी होटल में पहुँचकर पता चलता है कि बुकिंग ही नहीं है!

अक्सर देखा गया है – शादी में मामा जी ने बोला, “भतीजे की बारात का इंतजाम हो गया है!” लेकिन मंडप में कुर्सियाँ कम पड़ गईं। होटल बुकिंग में भी यही हाल, थर्ड पार्टी की बुकिंग हो तो रिसेप्शन पर ‘ध्यान रहे’ वाला बोर्ड दिख सकता है।

निष्कर्ष – अगली बार होटल बुकिंग हो तो क्या करें?

तो भाई-बहनों, अगली बार जब आप होटल बुक करें, तो सोच-समझकर करें। अगर चैन की नींद चाहिए, रिसेप्शन पर ‘नो एंट्री’ वाली नजर से बचना है, तो सीधे होटल की वेबसाइट या फोन से बुक करिए। हां, अगर बजट कम है और थोड़ा एडवेंचर पसंद है, तो फिर थर्ड पार्टी OTA से बुकिंग कर सकते हैं – लेकिन रिस्क के साथ!

और होटल कर्मचारियों के लिए – धैर्य रखिए, जुगाड़ तो हिंदुस्तानी डीएनए में है ही!

क्या आपके साथ भी कभी ऐसी बुकिंग की गड़बड़ हुई है? कमेंट में जरूर बताएं!


मूल रेडिट पोस्ट: How I love Third Party Reservations