जब एक्स ने गाली दी, तो इंटरनेट से कर दिया PlayStation का खेल खराब!
कभी-कभी ज़िंदगी हमें ऐसे मोड़ पर ले आती है जहाँ गुस्सा और बदला, दोनों का स्वाद लेना ज़रूरी हो जाता है। सोचिए, आपका बॉयफ्रेंड शराब पीकर आपको बुरा-भला कहे और फिर मज़े से अपने PlayStation पर वीडियो गेम खेले? क्या आप इतनी आसानी से छोड़ देंगे? नहीं! आज की कहानी एक ऐसी ही बहादुर लड़की की है जिसने अपने एक्स को ऐसा सबक सिखाया कि उसे आज तक समझ नहीं आया – आखिर PlayStation बार-बार डिस्कनेक्ट क्यों हो रहा था!
जब रिश्ते में मिठास नहीं, तो बदला क्यों मीठा न हो!
हमारे यहाँ कहा जाता है – “जैसा करोगे, वैसा भरोगे।” Reddit पर एक यूज़र u/Wreckedn00b ने अपनी कहानी साझा की जो भारतीय माहौल में भी हर लड़की के दिल को छू सकती है। उनका कहना था, “मैं कुतिया कहलाने वाली नहीं हूँ, बिना कुतिया बने।” क्या बात है! ये लाइन तो जैसे हर उस लड़की का मंत्रा बन सकती है जिसे बेवजह बदनाम किया जाता है।
इस लड़की का बॉयफ्रेंड अक्सर नशे में गंदी बातें करता था। अब वह चुप बैठने वाली नहीं थी। जब भी वह लड़का PlayStation लेकर बैठता, लड़की अपने फोन से इंटरनेट ऐप खोलती, और उसके PlayStation का इंटरनेट डिस्कनेक्ट कर देती। सोचिए, लड़का परेशान! कभी राउटर चेक कर रहा, कभी फोन – सबकुछ सही, बस PlayStation का नेटवर्क ही नहीं आता!
“इंटरनेट गया, खेल गया!” – बदले का सबसे प्यारा तरीका
इस बदले की सबसे मज़ेदार बात यह थी कि वह लड़के को कभी भी ये पता नहीं चला कि असली विलेन तो उसके घर में ही है। जैसे ही लड़का फिर से PlayStation चालू करता, लड़की फिर से इंटरनेट ऑन कर देती। गेम लोड होते ही, दोबारा से इंटरनेट गायब! बेचारा लड़का बार-बार troubleshoot करता, दोस्तों से सलाह लेता, लेकिन असली वजह तो सामने की कुर्सी पर बैठी थी।
एक Reddit कमेंट में किसी ने लिखा, “पेटीनेस की परिभाषा यही है!” वहीं दूसरे ने मज़ाक में कहा, “तू तो इंटरनेट देवी निकली – गेमर का काल!” एक यूज़र ने यहां तक कह दिया कि “स्पॉट्टी वाई-फाई तो जैसे जीवनदायिनी मशीन कभी-कभी बंद हो जाती है – और तुम तो मौत की परी हो!”
क्या भारतीय घरों में भी ऐसे बदले चलते हैं?
भाई, यहाँ तो बहनों के पास भी छोटे भाईयों का इंटरनेट स्लो करने के किस्से हैं। एक यूज़र ने लिखा कि वह अपने भाई का इंटरनेट रात में सीमित कर देती थी ताकि वह तेज आवाज़ में गेम न खेले। किसी ने तो अपने रूममेट को इतना परेशान किया कि वह समझ ही नहीं पाया, इंटरनेट स्लो क्यों हो रहा है – सबका अपना-अपना जुगाड़!
इसी वजह से, इस कहानी से भारतीय पाठकों को दो बातें सीखने को मिलती हैं – एक, टेक्नोलॉजी का सही इस्तेमाल अगर बदले में हो तो मज़ा दोगुना हो जाता है। और दूसरा, “अगर कोई आपको बिना वजह बदनाम करे, तो उसकी जिन्दगी में थोड़ी सी असुविधा डालना भी गलत नहीं।”
रिश्तों में इज्जत ज़रूरी, वरना PlayStation भी बचा नहीं सकता!
कई कमेंट्स में लोगों ने ये बात कही कि ऐसे बॉयफ्रेंड से जल्दी पीछा छुड़ा लेना ही बेहतर है। खुद OP ने भी बाद में लिखा, “काश, मैंने नाम लेकर बुलाने पर ही रिश्ता तोड़ दिया होता। अब कोई मुझे नाम से बुलाए, तो वह मेरा एक्स ही कहलाए!”
यह सोच भारतीय घरों में भी फिट बैठती है – इज्जत के बिना कोई भी रिश्ता नहीं चलता। और अगर कोई आपको बार-बार ताने मारे, तो उसके PlayStation को ही नहीं, उसके पूरे कॉन्फिडेंस को भी हिला देना चाहिए।
टेक्नोलॉजी का मीठा बदला – सीख और हँसी
आजकल लगभग हर इंटरनेट राउटर में ये सुविधा है कि आप अपने मोबाइल से कंट्रोल कर सकते हैं कि कौन सा डिवाइस इंटरनेट से जुड़े या नहीं। इस कहानी ने तो ये भी सिखा दिया कि सही वक्त पर सही तकनीक का इस्तेमाल, किसी भी ‘खिलाड़ी’ को मैदान से बाहर कर सकता है।
एक पाठक ने तो ये भी लिखा – “ऐसे बदले से ज़्यादा मज़ा तब आता, जब वह जीत के करीब होता और तभी डिस्कनेक्ट हो जाता!” OP ने हँसते हुए बताया कि कई बार उसने ऐसा किया भी – खासकर जब लड़का COD (Call of Duty) खेल रहा हो।
निष्कर्ष: बदला भी एक कला है – सही समय, सही तरीका!
इस किस्से से यही सीख मिलती है कि छोटी-छोटी असुविधाएं भी कभी-कभी सबसे बड़ा बदला बन जाती हैं। और हाँ, अगर आपको कभी कोई बेमतलब नाम से बुलाए, तो याद रखिए – “मैं कुतिया कहलाने वाली नहीं हूँ, बिना कुतिया बने!”
तो दोस्तों, क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है? क्या आपने भी कभी किसी को ‘इंटरनेट’ या किसी और तकनीक से चुपचाप सबक सिखाया है? अपनी दिलचस्प कहानियाँ नीचे कमेंट में ज़रूर शेयर करें, और अगर आपको ये किस्सा पसंद आया हो तो दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें!
आज के लिए बस इतना ही – अगली बार फिर मिलेंगे किसी और मज़ेदार बदले की कहानी के साथ!
मूल रेडिट पोस्ट: I made my ex think his PlayStation had connection issues for calling me names.