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जब आलू वेजेज़ बने 'पेटी रिवेंज' का हथियार: सुपरमार्केट की लाइन में मच गया धमाल

एक महिला और उसकी बेटी किराने की दुकान में आलू वेजेज के लिए इंतज़ार कर रही हैं, एक मजेदार पल को दर्शाते हुए।
इस फोटो-यथार्थवादी छवि में, एक महिला और उसकी बेटी किराने की दुकान की लाइन में खड़ी हैं, उनके चेहरों पर आलू वेजेज के लिए उत्सुकता झलक रही है। आगे जो होता है, वह एक आश्चर्यजनक पल है जो आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगा कि लोग अपनी इच्छाओं के लिए कितनी दूर जा सकते हैं!

कभी-कभी ज़िंदगी के छोटे-छोटे पल ही सबसे मज़ेदार कहानियाँ बन जाते हैं। सोचिए, आप अपने परिवार के लिए कुछ स्वादिष्ट आलू वेजेज़ लेने निकले हों और अचानक कोई सामने आकर लाइन तोड़ने लगे। ऐसी स्थिति में आप क्या करेंगे? आज हम आपको एक ऐसी ही घटना सुनाने जा रहे हैं, जिसमें एक आम ग्राहक ने बड़ी सूझ-बूझ और हल्की-फुल्की बदमाशी के साथ एक घमंडी महिला को शानदार सबक सिखाया। इस घटना ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया है और लोग पेट पकड़कर हँस रहे हैं।

आलू वेजेज़ और सुपरमार्केट की लाइन – एक आम हिंदुस्तानी अनुभव

हमारे यहाँ भीड़-भाड़ वाली जगहों पर आगे बढ़ने की होड़ नई बात नहीं। चाहे रेलवे टिकट काउंटर हो, शादी-ब्याह की कतार, या फिर चाट की दुकान, लाइन में लगना और उसे तोड़ना, दोनों ही आम बातें हैं। लेकिन पश्चिमी देशों में भी 'लाइन तोड़ने वालों' से लोग परेशान रहते हैं, ये जानकर शायद आपको तसल्ली मिले! Reddit की r/PettyRevenge कम्युनिटी में u/docfallout22 नाम के यूज़र ने अपनी सुपरमार्केट की एक मज़ेदार कहानी साझा की, जिसमें आलू वेजेज़ ने मुख्य भूमिका निभाई।

लाइन तोड़ने वाली 'Some Lady' और उसका गुस्सा

कुछ साल पहले, लेखक अपनी पत्नी के लिए सुपरमार्केट के डेली काउंटर पर आलू वेजेज़ लेने गए। वहाँ पाँच-छह लोगों की छोटी-सी लाइन थी। तभी एक महिला – जिसे वे 'Some Lady' कहकर पुकारते हैं – अपनी बेटी या नातिन के साथ आकर बार-बार लाइन में घुसने की कोशिश करती रही। हर बार बेचारा कर्मचारी उसे विनम्रता से टोकता – "मैडम, अपनी बारी का इंतज़ार करें", लेकिन मैडम का पारा सातवें आसमान पर था। वे बार-बार बड़बड़ातीं – "मुझे बस वेजेज़ चाहिए, ये सब बकवास है!"

हिंदुस्तानी दुकानों पर अक्सर ऐसे 'अति उत्साही' ग्राहक मिल जाते हैं, जो खुद को VIP समझकर बिना बारी के घुसना अपना अधिकार मानते हैं। Reddit पर एक कमेंट में किसी ने बिल्कुल सही लिखा, "ऐसी महिलाओं को 'पहले आओ, पहले पाओ' का असली मतलब समझ ही नहीं आता!"

पेटी रिवेंज: जब ग्राहक बना 'हीरो'

आखिरकार, जब लेखक की बारी आई, तो 'Some Lady' एक बार फिर लाइन में घुस पड़ीं। इस बार लेखक ने बड़ी शांति से कह दिया, "मैडम, लाइन का आखिरी सिरा मेरे पीछे है।" मैडम का गुस्सा और बढ़ गया – "ये सब बकवास है! यहाँ तो पहले आओ, पहले पाओ चलता है।" लेखक और कर्मचारी ने बस उनकी ओर देखा, और वे मुँह बनाकर किनारे चली गईं।

अब असली मज़ा आया। डेली काउंटर पर आलू वेजेज़ खत्म होने के कगार पर थे। लेखक ने मुस्कराकर कर्मचारी से कहा, "मुझे जितने हैं, सब वेजेज़ चाहिए।" कर्मचारी भी समझ गया, हल्की-सी मुस्कान के साथ बोला, "सारे?" लेखक ने कहा, "हाँ, सारे!" कर्मचारी ने सारी वेजेज़ पैक कर दीं। जब नई ट्रे आई, तो 'Some Lady' फिर से आगे आने की कोशिश करने लगीं, लेकिन लेखक ने फिर टोक दिया – "भैया, अगला नंबर मेरा है।" और बस, उन्होंने फिर से कहा, "मुझे सारे वेजेज़ चाहिए।"

मैडम की प्रतिक्रिया तो देखने लायक थी – "उसने क्या किया!?!?" पूरी दुकान में जैसे सन्नाटा छा गया। लेखक ने मज़े से वेजेज़ उठाए, और धीरे-धीरे चलते हुए मैडम का चेहरा देखना नहीं भूले। उन्होंने घर जाकर पत्नी को ये किस्सा सुनाया – "आज के $14 (करीब 1100 रुपये) सबसे मज़े के थे!"

समुदाय की प्रतिक्रियाएँ: दिल से दुआएँ और हँसी की फुहार

Reddit पर लोगों ने इस कहानी को इतना पसंद किया कि 22 हज़ार से भी ज़्यादा लाइक और सैकड़ों कमेंट्स आ गए। एक यूज़र ने लिखा, "डेली कर्मचारी की तो दिन बन गई होगी! वो अब भी ये किस्सा सबको सुनाता होगा।" एक और ने मज़ाकिया अंदाज में कहा, "अगर मेरे पास आखिरी $14 भी होते, तो भी सारे वेजेज़ खरीद लेता!"

किसी ने दिलचस्प तुलना करते हुए लिखा, "हमारे यहाँ भी कचौड़ी या समोसे के लिए ऐसे ही लाइन में घुसने वाले मिल जाते हैं, लेकिन असली मज़ा तो तब आता है जब कोई ऐसे बद्तमीज़ को उसी की भाषा में जवाब दे दे।"

एक यूज़र ने तो यहाँ तक कह दिया, "सुपरहीरो सिर्फ़ केप पहनकर नहीं आते, कभी-कभी वे बस सारे आलू वेजेज़ ऑर्डर कर लेते हैं!"

क्या सबक मिला – शिष्टाचार हर जगह ज़रूरी है

इस पूरी कहानी में सबसे मज़ेदार बात यह है कि कभी-कभी छोटी-छोटी 'रिवेंज' भी बड़े सबक सिखा जाती है। लाइन में लगना, अपनी बारी का इंतज़ार करना – ये बातें छोटी लगती हैं, लेकिन समाज को सभ्य बनाती हैं। आलू वेजेज़ तो आएंगे-जाएंगे, लेकिन सम्मान और शिष्टाचार सदा याद रहता है। Reddit के एक और यूज़र ने सही लिखा, "शायद अब उस महिला को 'पहले आओ, पहले पाओ' का सही मतलब समझ आ गया होगा!"

निष्कर्ष: आपकी लाइन में भी कोई 'Some Lady' है?

तो अगली बार जब आप किसी दुकान, बैंक या शादी में लाइन में लगें और कोई 'Some Lady' टाइप व्यक्ति बीच में घुसने की कोशिश करे, तो इस कहानी को याद कीजिए। शांति से, मुस्कान के साथ, उन्हें तमीज़ सिखाना भी एक कला है। और हाँ, अगर कभी मौका मिले तो 'पेटी रिवेंज' का स्वाद चखना न भूलिए – कभी-कभी छोटी-सी बदमाशी भी दिन बना देती है!

आपके साथ भी कभी ऐसा वाकया हुआ है? कमेंट में जरूर बताइए – और अगर कहानी पसंद आई हो, तो दोस्तों के साथ शेयर करें। आखिरकार, शिष्टाचार की सीख और हँसी – दोनों बाटने से बढ़ती हैं!


मूल रेडिट पोस्ट: “He did WHAT!?!?”