जब आईटी वाले ने बॉस के बेडरूम में पीसी लगाया... और घरवाली ने बना दी खिचड़ी!
कहते हैं ना, आईटी की नौकरी सिर्फ कंप्यूटर चलाने की नहीं, बल्कि कई बार दिल दहलाने वाले और हंसी-ठिठोली वाले अनुभव भी देती है। अगर आप सोचते हैं कि टेक्निकल सपोर्ट वाले सिर्फ लैपटॉप और नेटवर्क के झंझट में उलझे रहते हैं, तो जनाब, आज की कहानी आपके लिए है!
जब बॉस का नया घर बना आईटी वाले की मुसीबत
कुछ साल पहले की बात है, जब हमारे नायक (मान लीजिए नाम है विनीत) अपने पुराने बॉस "मार्क" के लिए काम किया करते थे। मार्क की हरकतें तो वैसे भी किसी बॉलीवुड के कॉमिक किरदार से कम नहीं थी, लेकिन इस बार तो उन्होंने कमाल कर दिया।
मार्क अपनी फैमिली के साथ एक शानदार झील किनारे वाले घर में शिफ्ट हुए थे। घर इतना बढ़िया, कि हर कोना जैसे किसी फिल्म का सेट हो! खास बात ये थी कि उनका नया होम ऑफिस बेडरूम से सटा हुआ था—बिल्कुल हमारे यहां बड़े घरों में जैसे पूजा की जगह या छोटा सा स्टडी कॉर्नर बना देते हैं, वैसे ही। बस फर्क इतना कि यहां कोई दीवार नहीं थी, बस एक अजीब-सा एल-आकार का एरिया था, जिसमें खिड़की से झील का नज़ारा दिखता था।
आईटी वाले की एंट्री... और हो गया बवाल
तो हुआ यूं कि मार्क ने विनीत को फोन किया—"भैया, नया ऑफिस सेटअप करना है, आ जाओ!" और साथ ही चाबी या गेट का कोड दे दिया (अब याद नहीं, पर फर्क भी क्या पड़ता है)। तय दिन-सुबह-सुबह विनीत पहुंचे, घर की साज-सज्जा देख दिल खुश... और वो मखमली कालीन तो जैसे जन्नत का एहसास करा दे!
मार्क ने पहले ही बता दिया था—बेडरूम बाईं तरफ है। विनीत बेधड़क पहुंच गए, बेडरूम पार किया और उस नए ऑफिस स्पेस में जुट गए—पीसी, मॉनिटर, विंडोज़ 7 का सेटअप, ऑफिस ऐप्स, वीपीएन, ईमेल, यहां तक कि मार्क को अपने ऑफिस कैमरों की लाइव फीड भी चाहिए थी! सब बढ़िया चल रहा था...
...तभी अचानक दरवाज़ा खुला—और सामने खड़ी थीं मार्क की पत्नी, जिन्हें हम "कैरल" कहेंगे।
कैरेल का चेहरा तो जैसे लाल-पीला हो गया—"ये कौन आदमी मेरे बेडरूम में घुसा बैठा है?" विनीत तो सन्न! बोले—"माफ करिए, मार्क ने ही बुलाया था, चाबी दी थी, टाइम भी बताया था, लगा आपको पता होगा..."। लेकिन कैरेल का गुस्सा सातवें आसमान पर—उन्हें तो विनीत किसी घुसपैठिए से कम नहीं लगे! बेचारे विनीत झटपट पीसी बंद कर, माफी मांगते हुए बाहर निकले—कैरेल ने लगभग धक्के मारकर बाहर किया!
कमेंट्स में मचा हंसी का तांडव और सीख भी
इस किस्से को जब Reddit पर साझा किया गया, तो लोगों ने भी जमकर मज़े लिए। एक यूज़र ने तो लिखा—"मुझे लगा कहानी कहीं और जा रही है, लगा जैसे कोई मसालेदार वेबसीरीज़ शुरू होने वाली है!" कोई बोला, "बिना पिज्जा डिलीवरी के कोई आईटी वाला बेडरूम में क्या कर रहा!"—भाई, आजकल के OTT ज़माने में हर कोई ट्विस्ट की उम्मीद करता है।
कुछ लोगों ने कैरेल का पक्ष लिया—"भाई, अगर मेरी पत्नी होती तो मैं दोनों को बाहर निकाल देता—आईटी वाले को भी और खुद को भी, सीधा सोफे पर!" दूसरे ने कहा—"इतनी बड़ी गलती मार्क की थी, उसे अपनी पत्नी को पहले ही बता देना चाहिए था।" सच कहें तो, भारतीय घरों में तो बिना बताए कोई मेहमान लाओ, तो मां-बेटी दोनों मिलकर क्लास लगा देती हैं!
एक अनुभवी कमेंट था—"कभी भी किसी के घर में अकेले मत जाओ, जब तक घर का बड़ा कोई मौजूद न हो।" यही वजह है कि अपने यहां सर्विस वाले हमेशा पूछते हैं—"मैडम, घर पे कोई है न?"
टेक्निकल सपोर्ट में इंसानियत और समझदारी ज़रूरी
इस वाकये से एक बात तो साफ है—तकनीकी काम के साथ-साथ इंसान को व्यवहार-कुशल और सतर्क भी रहना चाहिए। चाहे चाबी दी हो या कोड, घर किसी का भी हो, बिना बताए किसी की प्राइवेट जगह में जाना हमेशा जोखिम भरा हो सकता है। खासकर हमारे यहां, जहां घर की निजता और औरतों की सुरक्षा का बड़ा ख्याल रखा जाता है।
वैसे, विनीत की किस्मत अच्छी थी कि मामला सिर्फ गुस्से और झगड़े तक रहा। Reddit पर एक ने तो लिखा—"अगर ये अमेरिका होता तो शायद गोली भी चल सकती थी!" भारत में तो चलिए, इतना ही काफी है कि समाज में बात फैल जाए—"अरे, शर्मा जी के बेडरूम में आईटी वाला क्या कर रहा था!"
सीख क्या मिली? संवाद और भरोसा सबसे जरूरी
इस किस्से से हम सबको बड़ा साफ संदेश मिलता है—काम से बड़ा संवाद है! चाहे घर हो, दफ्तर हो, या कोई भी रिश्ता—अगर आप दूसरे को समय पर बता दें, तो आधी गलतफहमियां वैसे ही मिट जाती हैं। और हां, आईटी वालों की जिंदगी भी फिल्मों जैसी रोमांचक हो सकती है—बस, ट्विस्ट और क्लाइमैक्स दोनों असली होते हैं!
आपकी राय?
क्या कभी आपके साथ भी ऐसा कोई अजीब वाकया हुआ है? या किसी मेहमान ने आपको चौंका दिया हो? कमेंट में जरूर बताएं—क्योंकि असली मसाला तो आपके अनुभवों में छुपा है!
मूल रेडिट पोस्ट: Mark asks me to set up a PC at his house...in their bedroom!