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कार क्रैश केविन: जब लापरवाही बन गई ज़िंदगी का मज़ाक

कार क्रैश केविन अपनी बर्बाद कार के पास, उसके बेपरवाह रवैये को दिखाते हुए, एनीमे चित्रण।
मिलिए कार क्रैश केविन से, एक एनीमे पात्र जिसकी ज़िंदगी बेपरवाह फैसलों और अनपेक्षित नतीजों से भरी है। यह जीवंत चित्रण उस क्षण को दर्शाता है जब वह अपनी कार के नुकसान का सामना कर रहा है, जो उसके बेपरवाह और परिणाम-रहित जीवन का एक झलक दिखाता है।

कहते हैं, भगवान जब देता है तो छप्पर फाड़ के देता है – लेकिन अगर साथ में अक्ल न दे, तो वही वरदान कब अभिशाप बन जाए, पता भी नहीं चलता। आज की कहानी है "कार क्रैश केविन" की, जिसकी ज़िंदगी में गाड़ियों से लेकर रिश्तों तक, सबकुछ उल्टा-पुल्टा ही हुआ।

केविन: किस्मत का धनी या लापरवाही का बादशाह?

हमारे मोहल्ले में भी एक-आध ऐसे लोग मिल जाएंगे जिन्हें कभी किसी बात की चिंता नहीं होती। कार क्रैश केविन का किस्सा भी कुछ ऐसा ही है। जनाब ने गाड़ी ठोक दी और बिना कोई पछतावा किए सीधा मम्मी-पापा के पास चले गए – "नई कार चाहिए!" और मिल भी गई। अब सोचिए, हमारे यहां तो अगर बाइक का शीशा भी टूट जाए तो पहले घर में दरबार लगता है, फिर बजट पास होता है, तब जाकर कोई निर्णय निकलता है। लेकिन केविन जैसे लोगों की ज़िंदगी में जिम्मेदारियों का नामोनिशान ही नहीं था।

प्यार के नाम पर ‘नेक्स्ट जनरेशन’ ड्रामा

असली मज़ा तो तब आया जब केविन की 20 साल पुरानी गर्लफ्रेंड को पता चला कि साहब ने धोखा दे दिया है, वो भी एक काफी छोटी उम्र की लड़की के साथ। यहां भारतीय घरों में तो किसी की चप्पलें निकल आतीं, लेकिन वहां ‘ओरिजिनल गर्लफ्रेंड’ ने घर ही बेच डाला और खुद को पुराने दर्द से आज़ाद कर लिया। हैरत की बात तो ये कि केविन को सेटलमेंट में करीब 20,000 पाउंड मिल गए। अब बताइए, रिश्ते तोड़ने पर भी मुआवजा!

अब केविन ने अपनी नई ‘नेक्स्ट जनरेशन गर्लफ्रेंड’ को प्रपोज करने के लिए आधा पैसा अंगूठी पर फूंक दिया – जैसे हमारे यहां लोग शादी में EMI पर कार खरीद लेते हैं। और फिर, बिना घर के, बिना नौकरी के, साहब हाथ में अंगूठी लेकर सड़क पर!

नौकरी गई, प्यार गया, अंगूठी भी गई

केविन की किस्मत की गाड़ी यहीं नहीं रुकी। जिस तरह उसने अपनी कारें ठोकी थीं, वैसे ही नौकरी से भी निकाला गया। नई गर्लफ्रेंड ने जब देखा कि अब "दूध की नदियां" सूख गई हैं, तो उसने भी केविन को अलविदा कह दिया – लेकिन 10,000 पाउंड वाली अंगूठी अपने पास रख ली!

यहां एक पाठक ने कमेंट किया, “अंगूठी बेचने जाओगे तो 200 पाउंड भी नहीं मिलेंगे। हीरे का असली मोल तो शादी के बाद ही समझ आता है।” जैसे हमारे यहां सोना बेचने जाओ तो सुनार के तौल पर ही गुस्सा आ जाता है!

एक और पाठक ने मजाकिया लहज़े में लिखा, “केविन के अगले पार्ट – गर्लफ्रेंड: डीप स्पेस नाइन और गर्लफ्रेंड: वॉयजर भी जल्द आ सकते हैं।” भाई साहब, मानो केविन की ज़िंदगी कोई टीवी सीरियल है, जिसमें हर सीज़न में नई गर्लफ्रेंड, नया ड्रामा!

लापरवाही का नतीजा: खुद का ही मज़ाक बन जाना

केविन की कहानी में सबसे बड़ा सबक ये है कि जब ज़िंदगी में कोई भी जिम्मेदारी का बोझ न हो, तो कई बार इंसान खुद ही अपना सबसे बड़ा दुश्मन बन जाता है। जैसे हमारे यहां कहावत है – "अक्ल बड़ी या भैंस?" तो जनाब, अगर अक्ल न हो तो भैंस भी ट्रक बन जाती है!

एक पाठक ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, “मेरे एक्स ने सात साल में सात कारें ठोक दीं। आखिरी बार, उसने नई कार ली और छह महीने बाद फिर हादसा कर दिया – और तब तक मुझे छोड़ चुका था। शुक्र है, अब वो मेरी समस्या नहीं है।”

ऐसे लोग हर जगह मिल जाएंगे – जो अपनी गलती कभी नहीं मानते। कभी कहेंगे, "ब्रेक फेल था", कभी "ध्यान सीडी पर था", कभी "पीछे वाला टेलगेट कर रहा था"। जैसे हमारे यहां ट्रैफिक में सुनने को मिलता है, “ओ भैया, मेरी तो बस किस्मत ही खराब है!”

निष्कर्ष: ऐसे केविन से दूर रहना ही भला!

अगर आपकी ज़िंदगी में भी कोई केविन है – जो हर गलती के बाद भी खुद को ‘बचपन का हीरो’ समझता है, तो संभल जाइए! वरना कहीं ऐसा न हो कि उसके ‘क्रैश’ का झटका आपको भी लग जाए।

आपको क्या लगता है – ऐसे लापरवाह लोगों को कैसे समझाया जाए? या फिर छोड़ दीजिए, ऐसे लोग तो खुद ही अपनी सीख बन जाते हैं। नीचे कमेंट करके बताइए, आपके आसपास भी कोई ‘केविन’ है या नहीं?


मूल रेडिट पोस्ट: Car Crash Kevin