क्रिसमस पर ड्यूटी: होटल रिसेप्शन की कुर्सी से जश्न का जज़्बा
हर साल जब दिसंबर की ठंडक के साथ क्रिसमस की घंटियाँ बजती हैं, तब ज्यादातर लोग अपने परिवार-जनों के साथ केक, गिफ्ट और जगमगाती लाइट्स के बीच खुशियाँ मनाते हैं। लेकिन ज़रा सोचिए, क्या हर किसी की छुट्टी होती है? होटल, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, पुलिस—इन जगहों पर काम करने वालों के लिए त्योहार भी ड्यूटी का दिन होता है। आज हम ऐसी ही एक होटल रिसेप्शनिस्ट की कहानी पर बात करेंगे, जिनकी क्रिसमस डेस्क पर ही बीत रही थी।
तो जनाब, मामला कुछ यूँ है। Reddit की r/TalesFromTheFrontDesk कम्युनिटी में u/BillyJakespeare नामक यूज़र ने क्रिसमस के दिन की अपनी ड्यूटी का किस्सा साझा किया। सुबह 3 बजे तक रिसेप्शन पर बैठना, कल जैसा ही सन्नाटा, और ज़्यादातर समय अकेले ही काम करना—यानी “त्योहार का रंगीन माहौल, मगर अपनी कुर्सी से!”
बातचीत की शुरुआत OP ने बड़े ही दिलचस्प अंदाज़ में की: “उम्मीद है आप जल्दी ही जश्न मना पाएँगे! मैं 3 बजे तक डेस्क पर हूँ और अगर कल जैसा रहा तो ज़्यादातर वक्त अकेला ही रहूँगा। चेकलिस्ट 8:15 तक निपटा ली, अब सोच रहा हूँ कि जो सफाई और सामान जमाने का काम टालता आया हूँ, आज निपटा लूँ, फिर शायद अपनी किताब लेकर बैठ जाऊँ।”
अब सोचिए, भारत में भी कितने लोग ऐसे होंगे जो त्योहार पर भी ऑफिस, बैंक, होटल या रेलवे में डटे रहते हैं! याद कीजिए वो टेलीफोन ऑपरेटर या अस्पताल की नर्सें—जिनकी मुस्कान में ही त्योहार का जश्न छुपा रहता है।
OP की एक बात बहुत दिलचस्प थी: “हर कोई क्रिसमस का दीवाना नहीं होता, और मैं भी Thanksgiving (अमेरिकन त्यौहार) के बाद क्रिसमस से थोड़ा ऊब जाता हूँ, लेकिन ‘सब साथ मना रहे हैं’ वाली भावना रहती है।”
क्या यही हमारे देश में भी नहीं होता? दिवाली, ईद, होली—कई लोगों के लिए ये बस एक और दिन होते हैं, लेकिन आस-पास का माहौल खुद-ब-खुद आपको उस उत्सव में घसीट ही लेता है।
अब Reddit कम्युनिटी की तरफ़ से भी कमाल के कमेंट्स आए। u/Helenesdottir ने लिखा—“उम्मीद है आपको किताब पढ़ने का वक्त मिले; पढ़ना तो जीवन का सबसे बड़ा सुख है।”
यानी, कोई भी काम हो, अगर आपको अपने पसंदीदा शौक के लिए थोड़ा सा समय मिल जाए, तो वही त्योहार बन जाता है!
u/Alohafromthe808 ने होटल कर्मचारियों का हौसला बढ़ाया—“Merry Christmas! होटल एसोसिएट्स कमाल के हैं, अपने दिन का आनंद लो!”
हमारे यहाँ भी अक्सर होटल या सर्विस इंडस्ट्री के कर्मचारियों को ‘हिरो’ कहा जाता है, क्योंकि वे हमारी छुट्टियाँ और त्योहार खास बनाते हैं—अपनी ड्यूटी में लगे रहकर।
u/tropicalsilas ने तो बड़ा ही मज़ेदार किस्सा साझा किया: “मैं डेस्क पर बैठकर एक विज़ुअल नॉवेल खेल रहा हूँ, बॉस को मत बताना!”
ये पढ़कर लगा, जैसे हमारे यहाँ सरकारी दफ्तरों में क्लर्क चाय की प्याली के साथ अखबार या मोबाइल में खो जाते हैं—बस बॉस की नज़र न पड़ जाए!
u/Z4-Driver ने सभी होटल वर्कर्स, सफाईकर्मियों और स्टाफ को धन्यवाद कहा, “त्योहारों पर भी जो काम में लगे रहते हैं, उनका दिल से आभार।”
सच कहें तो, अगर ये लोग न हों तो हमारी छुट्टियाँ फीकी पड़ जाएँ।
एक और कमेंट u/Rerunisashortie का बड़ा दिलचस्प था—“45 साल शिफ्ट ड्यूटी की, अब तो त्योहार भी आम दिन बन गए हैं।”
भारत के बहुत से पुलिसकर्मी, बिजली विभाग, रेलवे या अस्पताल के लोग भी शायद यही कहते होंगे—“त्योहार तो आएंगे-जाएंगे, ड्यूटी तो चलती रहेगी!”
कुछ लोगों ने अपने अनुभव साझा किए कि कैसे वे छुट्टियों में शिफ्ट बदल लेते हैं या परिवार के साथ क्रिसमस ईव मना लेते हैं, ताकि अगले दिन ड्यूटी कर सकें। यह ठीक वैसा है जैसे हमारे यहाँ लोग दिवाली की रात पूजा के बाद ड्यूटी पर निकल पड़ते हैं या अस्पताल में मिठाई बांट लेते हैं।
कुल मिलाकर, इस Reddit पोस्ट में क्रिसमस की ड्यूटी पर बैठे होटल रिसेप्शनिस्ट की कहानी में हर उस इंसान की झलक है, जो अपने काम को त्योहार से ऊपर रखता है—चाहे वह भारत का रेलवे गार्ड हो, अस्पताल की नर्स, या होटल का फ्रंट डेस्क स्टाफ।
हम सबकी तरफ़ से ऐसे सभी लोगों को सलाम, जो हमारी छुट्टियों को बेहतर बनाने के लिए अपनी ड्यूटी निभाते हैं। अगली बार जब किसी होटल या दफ्तर में किसी त्योहार पर जाएँ, तो एक प्यारी सी मुस्कान के साथ “धन्यवाद” कहना न भूलें।
और हाँ, अगर आपके पास भी ऐसी कोई कहानी है—ड्यूटी पर त्योहार मनाने की, तो कमेंट में ज़रूर साझा करें!
शुभकामनाएँ और मुस्कान—यही असली उत्सव है!
मूल रेडिट पोस्ट: Merry Christmas To Everybody Working Today