क्या होटल वाले सच में इतने भोले होते हैं? एक नाइट शिफ्ट की मज़ेदार दास्तान
रात के समय होटल की रिसेप्शन डेस्क पर बैठना, सुनने में जितना आसान लगता है, असल में उतना ही दिलचस्प और कभी-कभी सिर पकड़ लेने वाला काम है। सोचिए, रात के 2 बजे फोन बजता है, और सामने से कोई बड़ी मासूमियत से पूछता है – "भैया, आज रात के लिए दो लोगों का कमरा चाहिए।" जवाब में आपको बताना पड़ता है – "माफ़ कीजिए, सारे कमरे फुल हैं।" लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। जैसे ही आप कंप्यूटर बंद करने लगते हैं, तुरंत फिर से फोन बजता है – इस बार कोई और आवाज़, लेकिन सवाल वही – "आज रात के लिए कमरा मिलेगा क्या?"
अब ज़रा सोचिए, क्या होटल वाले सच में इतने भोले होते हैं कि हर बार जवाब बदल जाएगा?
क्या ग्राहक सच में नहीं मानते?
ये किस्सा फ्रांस के एक होटल में नाइट शिफ्ट करने वाले कर्मचारी की जुबानी है, लेकिन सच कहें तो भारत में भी ऐसा अक्सर देखने को मिलता है। Reddit पर शेयर की गई इस कहानी में लेखक ने बड़ा दिलचस्प सवाल उठाया – "क्या लोग सच में समझते हैं कि हम इतने बेवकूफ़ हैं कि हर बार जवाब बदल देंगे?"
एक कमेंट में किसी ने लिखा, "दरअसल, अक्सर पार्टनर को भरोसा नहीं होता कि पहले वाले ने सही से पूछा या नहीं।" भारतीय घरों में भी अक्सर ऐसा होता है – पत्नी ने होटल में फोन किया, पति को भरोसा नहीं, वो दोबारा फोन उठाता है – "अरे, ठीक से पूछो ना! शायद तुम्हें समझ नहीं आया, मैं बात करता हूँ।"
एक और कमेंट में बड़ी मज़ेदार बात कही – "भाई, जवाब तो वही रहेगा! कौन पूछ रहा है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।" जैसे कि होटल वाले हर बार सोचेंगे – "अरे, अब मर्द ने पूछा है, चलो एक कमरा खाली कर ही देते हैं!"
फ़ोन नंबर वही, उम्मीदें नई!
कई बार तो ऐसा होता है कि दोनों कॉल्स एक ही नंबर से आती हैं। यानी, पहले मैडम ने फोन किया, फिर 30 सेकंड बाद साहब का फोन, लेकिन नंबर वही! कर्मचारी सोचता है – "क्या समझते हैं ये लोग, मैं पहचानूंगा नहीं?"
यहां एक कमेंट में किसी ने बड़ा बढ़िया कहा – "अरे भाई, हमारे पास भी कॉलर ID है, हम भी देख लेते हैं कि कौन बार-बार फोन कर रहा है। पांच मिनट में पांच कॉल – जवाब तो वही मिलेगा!"
एक और कमेन्ट में किसी ने भारतीय अंदाज़ में तंज कसा – "लोग बड़े शक़ी मिज़ाज होते हैं। लगता है होटल वाले झूठ बोल रहे हैं, कोई दुश्मनी पाल रखी है, या भेदभाव कर रहे हैं।"
ग्राहक की मानसिकता – 'शायद तरीका गलत था!'
हमारे देश में भी कई बार परिवार का एक सदस्य फोन करता है, मना हो जाता है, तो दूसरा सदस्य कहता है – "तूने सही से नहीं पूछा होगा।" जैसे कि होटल वाले कोई पहेली बुझा रहे हों! कोई-कोई तो पूछता है – "अरे, होटल फुल क्यों है? कहीं शादी-विवाह है? कोई मेला लगा है? होटल वाले झूठ तो नहीं बोल रहे?"
एक और मज़ेदार कमेंट था – "लोग सोचते हैं कि रिसेप्शन वाले कहीं छुपा के एक-दो कमरे और रखते हैं, खास मेहमानों के लिए।" यानी जैसे किसी मिठाई की दुकान पर 'छुपा के रखी हुई रसमलाई'!
'कमरा आज नहीं, कल मिलेगा'
कई बार लोग ऑनलाइन बुकिंग साइट्स पर अगले दिन की उपलब्धता देख लेते हैं, और उन्हें लगता है कि रिसेप्शन वाला झूठ बोल रहा है। एक कमेंट में किसी ने लिखा – "भाई, सुबह 3 बजे तो कमरा खाली नहीं मिलेगा, चाहे ऑनलाइन दिखाओ या फोन पर पूछो। अभी जो लोग सो रहे हैं, उन्हें उठाकर थोड़ी ना कमरा दे देंगे!"
होटल कर्मचारी भी सोचते हैं – "भैया, हम भी तो चाहते हैं कि कमरा बिके, हमें भी सैलरी मिलती है। फालतू में क्यों मना करेंगे?" लेकिन कुछ लोग मानते ही नहीं – जैसे 'दूध में पानी मिलाया है' वाला शक!
होटल के रिसेप्शन पर 'माँ' वाला गुस्सा
कई बार ग्राहक होटल के लॉबी में आते हैं, मना हो जाता है, तो बाहर जाकर फोन घुमा देते हैं – और रिसेप्शन वाला देख भी रहा है। एक महिला कर्मचारी ने बड़े मज़ेदार अंदाज़ में लिखा – "मैं भले ही छोटी हूँ, लेकिन जब 'माँ' वाला गुस्सा दिखाती हूँ, तो बड़े-बड़े truck driver भी डर जाते हैं!"
निष्कर्ष: क्या सच में रिसेप्शन वाले भोले हैं?
हर होटल कर्मचारी रोज़ाना ऐसे-ऐसे सवालों और हरकतों का सामना करता है, कि खुद हँसी आ जाए। कभी-कभी लोग सोचते हैं – "अगर मर्द पूछेगा तो कमरा मिल जाएगा", या "अगर बार-बार कॉल करेंगे तो शायद कोई कमरा आसमान से टपक पड़ेगा!"
असलियत ये है – रिसेप्शन पर बैठा इंसान भी इंसान है, उसके पास कोई जादू की छड़ी नहीं, और होटल के कमरे भी 'आलू-प्याज़' की तरह गोदाम में नहीं पड़े होते!
तो अगली बार जब आप होटल में फोन करें और 'सॉरी, कमरे फुल हैं' सुनें, तो दोबारा कॉल करने से पहले सोच लें – जवाब वही मिलेगा, चाहे आप पूछें या आपकी चाचीजी!
आप भी बताइए
क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है जब आपको किसी होटल, दुकान या ऑफिस में बार-बार कॉल करके अलग जवाब मिलने की उम्मीद रही हो? या आपने भी किसी दोस्त या रिश्तेदार के कहने पर दोबारा पूछ लिया हो? अपने अनुभव कमेंट में ज़रूर बताएं – क्या सच में जवाब बदल जाता है?
मूल रेडिट पोस्ट: Do they think we're this dumb ?