क्या आप दूर बैठकर मेरा प्रिंटर ठीक कर सकते हैं? – तकनीकी सपोर्ट की मस्तीभरी कहानी
क्या आपने कभी किसी दोस्त का फोन उठाया है और उसने ज़रा-सा भी शर्म न करते हुए कहा हो, “भाई, जरा मेरा प्रिंटर भी चला दे”? अब, सोचिए अगर कोई आपसे कह दे कि घर बैठे-बैठे, सिर्फ फोन या वीडियो कॉल पर, आप उसका अटका हुआ प्रिंटर भी खोल दें! जी हां, ऐसी ही एक कहानी लेकर आया हूँ, जिसमें तकनीक, दोस्ती और उस भारतीय जुगाड़ की खुशबू है, जो हर घर में मिलती है।
दोस्ती, तकनीकी सपोर्ट और प्रिंटर की जंग
हमारे मुख्य किरदार, Reddit यूज़र u/AnDanDan, एक आम भारतीय तकनीकी सपोर्ट वाले की तरह हैं – दिन भर दफ्तर में, रात को दोस्तों के साथ ऑनलाइन गपशप। एक दिन, जब वो Discord पर मस्त गप्पें मार रहे थे, तभी उनका एक दोस्त मस्ती में पूछ बैठा, “भैया, मेरा प्रिंटर जाम हो गया है, दूर से ही खोल दोगे क्या?” ज़ाहिर है, जो कोई भी प्रिंटर के झंझटों से गुज़रा है, उसकी पहली प्रतिक्रिया यही होगी – “अरे, मार ही डालोगे क्या?”
अब, भारतीय घरों में प्रिंटर वैसे भी त्योहारों की तरह ही इस्तेमाल होते हैं – साल में दो-चार बार, और जब भी चलाना हो, या तो स्याही खत्म या कागज़ फंस गया! और जब कागज़ फंसे, तो ऐसा लगे मानो जिस भगवान ने प्रिंटर बनाए हैं, वो खुद ही उसके अंदर कहीं छुपे बैठे हों।
प्रिंटर की चतुराई और तकनीकी जुगाड़
इस बार मामला कुछ यूं था – दोस्त ने Letter साइज की जगह Legal साइज का पेपर डाल दिया, प्रिंटर महाशय भी लालच में दो-दो पेज निगल गए। अब जाम तो होना ही था! हमारे AnDanDan भाई ने दोस्त से प्रिंटर का मॉडल नंबर पूछा, झटपट गाइड खोल ली, और वीडियो कॉल पर पैनल खोलवाने, पीछे से बैक कवर उतारवाने, और फंसे हुए कागज़ को निकालने का "ऑपरेशन" शुरू हो गया।
यहाँ एक कमेंटकर्ता ने बिल्कुल सही कहा, "कम से कम वो डरावना पल नहीं आया जब प्रिंटर के बेहद संकरे रास्ते में एक पत्ता जितना कागज़ फंस जाता है, जिसे निकालने के लिए भगवान का आशीर्वाद चाहिए!" एक और ने हँसते हुए लिखा, "ऐसे में तो खास कंपनी से 200 डॉलर का अजीब सा टूल खरीदना पड़ता है, वो भी सिर्फ एक बार के लिए!"
और भारतीय घरों में तो हाल ऐसा है कि पापा-मम्मी को बुलाओ, चप्पल की नोक से प्रिंटर हिलाओ, और किचन से चिमटा निकालकर कागज़ खींचो – तब कहीं जाकर काम बनता है। एक कमेंट में किसी ने बड़ा मज़ेदार लिखा, "जैसे बोरिंग में फंसी बाल्टी निकालने के लिए पड़ोसियों को बुला लो, वैसे ही प्रिंटर के लिए भी पूरा मोहल्ला लग जाता है!"
तकनीकी सपोर्ट बनाम आम आदमी की सोच
अब असली मज़ा तो तब आता है जब लोग ये मान लेते हैं कि तकनीकी सपोर्ट वाला कोई जादूगर है – "भैया, दूर से ही सब ठीक कर दो!" एक कमेंट में किसी ने तंज कसा, "क्या मैकेनिक कभी बिना गाड़ी छुए टायर बदल सकता है?" और एक तो लिखते हैं, "अरे, मेरे वाई-फाई में दिक्कत है, आप रिमोट से ठीक कर दो!" भाई, इंटरनेट ही नहीं चल रहा तो रिमोट कैसे चलेगा?
हमारे AnDanDan भी कहते हैं – लोग बस इतना मान लेते हैं कि अब टेक्निकल सपोर्ट आ गया, तो दिमाग को न्यूट्रल में डाल दो, अब सब अपने आप हो जाएगा! जैसे घर में बिजली चली गई हो और कोई बोले, “चेक कर लो प्लग लगा है या नहीं?” और जवाब आए, “बिजली ही नहीं है!” – यानि बिना सोचे-समझे ही सबकुछ तकनीकी सपोर्ट पर डाल देना, ये तो हर जगह की कहानी है।
प्रिंटर – हर घर की सिरदर्दी!
अगर आपने कभी प्रिंटर से दो-दो हाथ किए हैं, तो आप जानते हैं कि ये मशीनें कितनी नखरीली होती हैं। एक छोटा सा कागज़ का टुकड़ा ऐसे छुप जाता है, जैसे सर्दियों में मोजे के नीचे चुपचाप छुपा पत्थर – ढूंढने में पूरा घर सिर पकड़ ले!
एक कमेंटकर्ता ने तो यहाँ तक कह दिया, "ज्यादातर यूज़र्स के दिमाग में 'सोचो फिर बोलो' वाला सॉफ्टवेयर इंस्टॉल ही नहीं है!" और सच कहें, तो यही हाल हर दफ्तर, हर घर में है। प्रिंटर अटका, सब टेक्नीकल सपोर्ट वाले के सिर – और अगर कभी खुद करना पड़ जाए, तो ऐसे मुंह बनाते हैं, जैसे किसी ने भरपूर अन्याय कर दिया हो।
निष्कर्ष – तकनीक, मस्ती और जुगाड़
अंत में, प्रिंटर की ये जुगाड़ू कहानी हमें यही सिखाती है – चाहे टेक्नोलॉजी कितनी भी आगे बढ़ जाए, भारतीयों का जुगाड़, दोस्ती की मस्ती और तकनीकी सपोर्ट वाले की बुरी हालत हमेशा याद रहेगी। अगली बार जब आपका प्रिंटर अटके, तो पहले खुद हाथ आज़माइए – हो सकता है, आपके भीतर भी एक छुपा हुआ 'टेक्निकल एक्सपर्ट' बैठा हो!
आपका क्या अनुभव रहा है प्रिंटर के साथ? कोई मजेदार या सिर पकड़ लेने वाली कहानी हो तो कमेंट में ज़रूर साझा करें। आखिर, हर घर में एक न एक “प्रिंटर की कहानी” तो होती ही है!
मूल रेडिट पोस्ट: Can you remotely unjam my printer