कबाड़ कार से कोर्ट में जीत: 300 रुपए की गाड़ी ने दिलाया 3 लाख का मुनाफ़ा!
क्या कभी आपने सुना है कि किसी ने अपनी जर्जर, पुरानी और लगभग कबाड़ हो चुकी कार से अचानक लाखों का फायदा कमा लिया? जी हां, आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं एक ऐसे ही किस्से की कहानी, जिसे पढ़कर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी और शायद आप भी सोचने लगें कि 'कभी-कभी किस्मत भी बड़ा खेल दिखा देती है!'
ये कहानी है 2006 की, जब एक मामूली सी घटना ने एक साधारण परिवार की किस्मत बदल दी। सोचिए, 300 रुपये (यहाँ, डॉलर को रुपए में रूपांतरित किया गया है ताकि संदर्भ और मज़ेदार लगे) में खरीदी गई कार, जो इतनी पुरानी और खराब थी कि उसका शीशा डक्ट टेप से चिपका हुआ था, वही कार एक बड़े अमरीकी कोर्ट केस का हीरो बन गई।
जब किस्मत ने मारी पलटी: कबाड़ कार और 'बड़ी गाड़ी' की टक्कर
कहानी की शुरुआत होती है एक साधारण सी शाम से, जब बड़ी बहन अपनी जर्जर गोल्डन Geo Metro कार से अपने ऑफिस (यहाँ Pizza Hut) की तरफ तनख्वाह लेने जा रही थी। कार की हालत ऐसी थी कि अपने मोहल्ले में कोई भी उसे देखकर हँस देता। लेकिन माता-पिता की सोच थी – 'सीखना है तो पहले मुश्किल से सीखो!'
अब जैसे ही बहन पार्किंग लॉट में पहुँची, एक बड़ी काली SUV (यहाँ के हिसाब से बोले तो, कोई फॉर्च्यूनर या इनोवा जैसी बड़ी गाड़ी) ने इतनी जोर से टक्कर मारी कि गाड़ी के अगले हिस्से के परखच्चे उड़ गए। सौभाग्य से बहन को कुछ नहीं हुआ, लेकिन कार पूरी तरह 'टोटल्ड' – मतलब पूरी तरह से नष्ट हो गई।
चालाकी और कोर्ट कचहरी: जब झूठ बोलने वाली महिला फँस गई
अब यहाँ से असली ड्रामा शुरू होता है। SUV वाली महिला ने दावा किया कि हमारी बहन ही तेज़ चल रही थी और इसी वजह से टक्कर हुई। पुलिस रिपोर्ट में, मज़ेदार बात ये थी कि उस डक्ट टेप वाले शीशे का भी ज़िक्र था – जो टक्कर लगते ही नीचे गिर गया! पुलिस ने साफ़ लिखा कि कार या तो रुकी हुई थी या बहुत धीरे चल रही थी।
हमारे माता-पिता ने अपनी इंश्योरेंस कंपनी को सब बताया। कंपनी ने SUV वाली महिला को कहा – "भैया, गलती आपकी है, हम सिर्फ 350 रुपए (कार की असली कीमत) दे सकते हैं।" मगर वह महिला कहाँ मानने वाली थी! उसने धमकी दी – "कोर्ट में मिलेंगे!"
कोर्ट में हुआ कमाल: कबाड़ कार के बदले 3 लाख की जीत!
अब कहानी यहाँ से फ़िल्मी हो जाती है। कोर्ट में जाने के लिए माता-पिता को उस पुरानी कार का रिपेयर एस्टीमेट चाहिए था। जब उन्होंने ऑटो बॉडी शॉप में गाड़ी दिखाई, तो पता चला कि इतनी पुरानी कार की पार्ट्स ही नहीं मिलतीं। रिपेयर का खर्च बताया गया 4,000 डॉलर (यानि लगभग 3 लाख रुपए)!
कोर्ट में SUV वाली महिला अड़ी रही कि गलती उसकी नहीं, पर कोर्ट के जज ने पुलिस रिपोर्ट और रिपेयर एस्टीमेट देखकर माता-पिता के पक्ष में फैसला दिया। माता-पिता को 4,000 डॉलर मिले – यानि 3 लाख रुपए की कमाई उस 300 रुपए की कबाड़ कार से!
एक पाठक ने कमेंट किया – "मेरे बेटे की पुरानी कार भी नशे में धुत ड्राइवर ने ठोक दी थी, इंश्योरेंस ने दोगुना पैसा दे दिया!" एक और मज़ेदार कमेंट था – "Geo Metro से कोई तेज़ चला ही नहीं सकता – 60 की स्पीड तो ढलान और हवा की मदद से ही आती है!"
पाठकों की प्रतिक्रिया: 'पुरानी गाड़ी' पर नया नजरिया
रेडिट कम्युनिटी में इस कहानी पर खूब चर्चा हुई। एक पाठक ने कहा, "ये देखकर मज़ा आता है जब चालाक लोग खुद अपने जाल में फँस जाते हैं!" एक और ने लिखा, "मेरी पुरानी कार भी ऐसे ही टकराई थी और इंश्योरेंस ने उम्मीद से कई गुना ज्यादा दे दिया।"
भारत में भी हम सब जानते हैं कि पुरानी कारों का मोल अक्सर दिल से ज्यादा दिमाग से लगाया जाता है। लेकिन यहाँ ये सीख मिली कि कभी-कभी सिस्टम भी आपके साथ न्याय कर सकता है – बस आपको सही वक्त पर सही कदम उठाना आना चाहिए।
सीख और मनोरंजन: अगली बार कबाड़ बेचने से पहले सोचिए!
कहानी से यही सबक मिलता है कि चाहे आपकी गाड़ी कितनी भी पुरानी हो, उसका हक मत छोड़िए। कोर्ट-कचहरी का झंझट भले ही भारी लगे, पर अगर आपके पास सच और सबूत है, तो जीत आपकी ही हो सकती है।
वैसे, क्या आपके साथ भी कभी कोई ऐसी घटना हुई है, जब पुरानी चीज़ ने आपको बड़ा फायदा दिला दिया हो? या किसी चालाकी करने वाले को सिस्टम ने सबक सिखाया हो? अपने अनुभव नीचे कमेंट में जरूर साझा करें – कौन जाने, अगली मज़ेदार कहानी आपकी हो!
मूल रेडिट पोस्ट: Take you to court? Okay...