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ऑफिस की 'व्हाइट एलिफेंट' गिफ्ट एक्सचेंज: जब मज़बूरी में मिली बदले की मीठी खुशी!

सफेद हाथी पार्टी में उपहारों का आदान-प्रदान करते कार्यालय के कर्मचारी, उत्सव के माहौल और टीम की गतिशीलता को दर्शाते हुए।
सहकर्मियों का एक जीवंत दृश्य, जो सफेद हाथी उपहार विनिमय में भाग ले रहे हैं, इस त्योहार पर मिश्रित भावनाओं को उजागर करता है। फोटो-यथार्थवादी शैली उत्सव के माहौल को कैद करती है, लेकिन अनिवार्य भागीदारी के पीछे की तनाव को भी दर्शाती है।

ऑफिस की दुनिया में टीम बिल्डिंग के नाम पर क्या-क्या नहीं करवाया जाता! कभी लंच, कभी आउटिंग, कभी-कभी तो ऐसे अजीबोगरीब गेम्स कि बंदा सोचने पर मजबूर हो जाए – भाई, काम कब करेंगे? ऐसी ही एक 'वेस्टर्न' परंपरा—'व्हाइट एलिफेंट गिफ्ट एक्सचेंज'—अब हमारे यहां भी कॉरपोरेट कल्चर में घुसने लगी है। नाम चाहे कितना भी 'फैंसी' हो, पर असल में ये एक गिफ्ट-स्वैपिंग का खेल है, जिसमें हर कोई एक-दूसरे को अजीब या बेकार गिफ्ट देने की होड़ में लगा रहता है।

अब सोचिए, ऑफिस में जबरदस्ती 'ऐच्छिक' (optional) गिफ्ट एक्सचेंज हो, जिसमें "नहीं" बोलना भी मुश्किल हो, तो आपको कैसा लगेगा? Reddit पर एक कर्मचारी ने तो इस मजबूरी का हल ही बड़ा दिलचस्प निकाला – उसने इस खेल को ही सिर के बल खड़ा कर दिया!

ऑफिस का 'व्हाइट एलिफेंट': मजबूरी का नाम महात्मा गांधी!

हमारे देश में ऑफिस में गिफ्ट एक्सचेंज आमतौर पर 'सीक्रेट सैंटा' के नाम से होता है, जिसमें किसी एक को चुपचाप गिफ्ट देना होता है। पर 'व्हाइट एलिफेंट' की बात ही अलग है! इसमें गिफ्ट को सामने रखकर सबके बीच छीना-झपटी होती है—कभी किसी को टॉफी का डिब्बा, तो कभी कोई टूटा-फूटा मग या फिर डेस्क पर रखने वाला फर वाला पेन। मजा तब आता है जब कोई 'बेकार' गिफ्ट किसी के हिस्से आ जाए!

Reddit यूज़र u/sorotomotor ने बताया, उनके ऑफिस में हर साल ये खेल चलता है। हालांकि ये 'अनिवार्य' नहीं, पर HR की ईमेल और बॉस का इशारा साफ रहता है—"हर कोई भाग ले, तभी टीम बनेगी!" अब क्या करें? मजबूरी में भाग लेना पड़ता है, पर दिल से नहीं!

बदले की छोटी-सी—but मजेदार—कहानी

अब आते हैं असली मसालेदार हिस्से पर! u/sorotomotor ने इस मजबूरी को 'पेटी रिवेंज' यानी छोटा-सा बदला लेने का जरिया बना लिया। हर साल वो एक अच्छा गिफ्ट तो देते ही हैं, साथ ही दो-तीन ऐसे गिफ्ट भी डाल देते हैं, जिन्हें देखकर सबको माथा पकड़ना पड़े।

  • 2021: एक पुराने iPhone के डिब्बे में आलू डालकर उसे रैप कर दिया!
  • 2022: एक सेकंड हैंड बाइबल, खिलौना अमरीकी झंडा और एक पुरानी MAGA टोपी (जो अमेरिका में राजनीति का प्रतीक है)। अगले दिन HR की चेतावनी—'राजनीति ऑफिस में नहीं चलेगी'।
  • 2023: खिलौना हैंडकफ्स, सस्ता आई मास्क और ऐसी बिल्ली का खिलौना, जिसे उन्होंने राइडिंग क्रॉप जैसा बना दिया। फिर से HR का ईमेल।
  • 2024: एक बोतल कफ सिरप, सस्ता शराब Night Train और एक नेशनल एनक्वायरर पत्रिका। इस बार ऑफिस वाले और भी चकरा गए!

इस साल, साहब सोच रहे हैं—सिगरेट का पैकेट और नकली आईलैशेज़! अब बताइए, ऐसी क्रिएटिव बदलेबाजी किसे कहते हैं?

कम्युनिटी की राय: हंसी, सलाह और सबक!

Reddit पर इस कहानी ने तूफान मचा दिया। एक कमेंट करने वाले (u/ev1997_) ने तो कहा, "सिगरेट और नकली पलकें—क्या शानदार कॉम्बो है! अजीब भी, पर कोई बड़ी लाइन क्रॉस नहीं कर रहा।" वहीं किसी ने सलाह दी—"अगली बार ऑफिस सप्लाई क्लोसेट से ही चीज़ें उठा लाओ—स्टेपलर, पेन, या फिर बॉस की फोटो को फ्रेम कर दो!"

कई लोगों ने तो अपनी मस्त किस्से भी शेयर किए। एक सज्जन ने लिखा, "हमारे यहां तो हर साल 'रेगिफ्टिंग' होती थी—एक बार फल वाला केक और सस्ती शराब की बोतल सालों तक घूमती रही।" कोई बोला—"एक बार मैंने 'कैट लेडी स्टार्टर किट' दी—बिल्ली का खाना, लिटर और एक पुराना खिलौना।" किसी ने तो हद ही कर दी—"प्रेग्नेंसी टेस्ट और DNA टेस्ट—एक ही बैग में!"

कुछ लोगों ने गंभीरता से कहा—"अगर कोई 500-1000 रुपये की लिमिट में सिर्फ 50 रुपये का गिफ्ट लाता है, तो असली मज़ा वहीं खराब हो जाता है।" यानी, मस्ती मस्ती में भी कुछ मर्यादा होनी चाहिए।

भारतीय संदर्भ: अगर हमारे यहां होता ऐसा...

सोचिए, अगर हमारे देसी ऑफिस में कोई ऐसी हरकत कर दे—किसी ने अखबार में लपेटकर उबला हुआ आलू दे दिया, या फिर बॉस की फोटो फ्रेम में! HR का ईमेल तो छोड़िए, चाय के टेबल पर अगले हफ्ते तक सिर्फ इसी की चर्चा चलेगी—"अरे वो देखो, वही बंदा है जिसने पिछले साल पकोड़े का डिब्बा गिफ्ट किया था!"

हमारे यहां वैसे भी 'गुप्त दान' और 'सीक्रेट सैंटा' में बहुत मस्ती होती है—कोई मग, कोई टोपी, कोई पुरानी डायरी या फिर वही पुरानी चॉकलेट, जो पिछले साल भी घूम चुकी थी! लेकिन u/sorotomotor की तरह 'पेटी रिवेंज' शायद ही कोई ले पाए।

निष्कर्ष: ऑफिस में मज़बूरी और मस्ती—दोनों ज़रूरी

कहानी का निचोड़ यही है—ऑफिस में कभी-कभी ये जबरन की गई 'टीम स्पिरिट' वाली एक्टिविटी सिरदर्द बन जाती है। लेकिन अगर उसमें थोड़ा सा 'मज़ाकिया बदला' डाल दिया जाए, तो ऑफिस की बोरियत भी कम हो सकती है। u/sorotomotor की तरह अगर आपको भी कभी ऐसा लगे कि ये सब फालतू है, तो थोड़ा-बहुत हंसी-मजाक करने में बुराई नहीं—बस ध्यान रहे, लाइन क्रॉस न हो!

आपके ऑफिस में भी कभी ऐसा कुछ हुआ है? या आपने भी किसी को मस्ती में अजीब गिफ्ट दिया हो? नीचे कमेंट में ज़रूर बताइए—शायद अगली कहानी आपकी हो!


मूल रेडिट पोस्ट: The Office White Elephant Gift Exchange Should Not be Mandatory