ऑफिस की राजनीति और बदला: जब ट्यूना मछली ने लिया हिसाब
कहते हैं, "जहाँ चार बर्तन होंगे, वहाँ खटर-पटर होगी", और अगर बात ऑफिस की हो, तो वहां तो हर रोज़ कुछ नया पकता ही रहता है। ऑफिस की राजनीति, जलन, चुगलखोरी और छोटी-मोटी बदले की कहानियां हर किसी ने कभी न कभी सुनी या झेली होंगी। लेकिन आज हम जिस किस्से की बात कर रहे हैं, उसमें बदले का तरीका इतना मज़ेदार और अनूठा है कि पढ़कर आप भी हँसी रोक नहीं पाएंगे।
आज की कहानी है एक ऐसी महिला कर्मचारी की, जिसने अपने सहयोगी की तिकड़मी हरकतों से तंग आकर, बदला लेने का एक बड़ा ही देसी, लेकिन पश्चिमी तड़का लगाया। आइए, जानते हैं पूरा माजरा!
जब ऑफिस की राजनीति सिर चढ़कर बोले
भारत में भी ऑफिस की राजनीति किसी हिंदी सीरियल से कम नहीं होती। कभी कोई बॉस की चुगली करता है, तो कोई सहकर्मियों के खिलाफ अफवाहें उड़ाता है। Reddit यूजर u/honeybunchesofnope87 की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, बस अंतर इतना है कि वहां ट्यूना मछली का इस्तेमाल हुआ।
हमारी नायिका के ऑफिस में एक महिला थी, जो हर हाल में उसे नीचा दिखाने पर तुली थी। झूठ बोलकर बॉस से शिकायत करना, बाकी कर्मचारियों के बीच बदनाम करना, और ऊपर से सामने आकर हँसी-ठिठोली करना—यानी "सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे" वाली चालाकी।
एक पाठक ने कमेंट में लिखा, "भई, ऐसे लोगों से तो राम ही बचाए! ऑफिस में शांति से काम करना भी अब किसी तपस्या से कम नहीं।" (u/Rainy_Grave का सुझाव था कि ऐसे माहौल में HR को शिकायत करना चाहिए।)
बदले की ट्यूना चाल: देसी स्टाइल में पश्चिमी ट्विस्ट
अब आते हैं असली मज़ेदार हिस्से पर। जब पानी सिर से ऊपर चला गया, तो हमारी नायिका ने एक अनोखा तरीका अपनाया। एक दिन जब उस 'कलहप्रिय' सहकर्मी की छुट्टी थी, तो उन्होंने टिफिन में रखी ट्यूना मछली (एक तरह की डिब्बाबंद मछली, जो पश्चिमी देशों में आम है) "गलती से" उसकी कुर्सी पर गिरा दी।
सोचिए, जब वह महिला अगले दिन ऑफिस आएगी, तो उसकी कुर्सी से उठती बास पूरे ऑफिस में फैल जाएगी। जैसे हमारे यहां कोई प्याज-लहसुन वाली सब्ज़ी तवे पर जल जाए और पूरा मोहल्ला सूंघ ले!
एक पाठक ने मज़ाकिया अंदाज़ में कहा, "अब तो लगेगा जैसे मछली बाज़ार में बैठकर काम कर रही हो!" (u/derson78)
HR या बदला: कौन सा रास्ता सही?
कई पाठकों ने सलाह दी कि ऑफिस की ऐसी समस्याओं को HR के पास ले जाना चाहिए। u/echo_in का कहना था, "हर घटना को लिखकर रखो—कब, क्या हुआ, किसने देखा। ट्यूना वाली शरारत तो पलभर की खुशी देगी, लेकिन पकड़े गए तो नौकरी भी जा सकती है।"
कई भारतीय ऑफिसों में भी ऐसा ही होता है—HR कभी-कभी सिर्फ फॉर्मेलिटी निभाता है, असली परेशानी मिटती नहीं। एक पाठक ने तो अनुभव साझा किया, "HR तो हमेशा बुली करने वाले का साथ देते हैं, मैंने खुद ये झेला है।" (u/CuteChampionship6350)
OP ने भी साफ कहा, "मैंने मैनेजमेंट से बात की, लेकिन वहां बस दिखावा हुआ। अब अगर कुछ और हुआ तो सीधे HR के पास जाऊंगी।" यानी, जब ऊंट पहाड़ के नीचे आता है, तभी असली बदलाव आता है!
ऑफिस में जलन, बदला और ह्यूमर: जिंदगी का हिस्सा
ऑफिस का माहौल हो या मोहल्ले की पंचायत, कहीं भी इंसानी फितरत नहीं बदलती। कभी-कभी बदले की छोटी-छोटी शरारतें दिल को सुकून देती हैं, लेकिन ध्यान रहे कि ये सीमा में ही रहें। आखिरकार, "लक्ष्मण रेखा" हर फील्ड में ज़रूरी है।
कई पाठकों ने हंसी-ठिठोली भी की—"अब तो उसके कुर्सी पर बैठते ही पूरा ऑफिस बोलेगा, 'मछली जल की रानी है...'" (u/rawmeatprophet ने इसे 'ट्यूनास्टीग्राम' नाम दिया!)
कुछ ने चेतावनी भी दी—"बदला लेकर मज़ा तो आएगा, पर पकड़े गए तो लेने के देने पड़ सकते हैं।"
निष्कर्ष: आपकी राय क्या है?
तो भई, ऑफिस में ऐसी राजनीति और बदले के किस्से हर जगह होते हैं, बस तरीका अलग होता है। आप क्या सोचते हैं—क्या ट्यूना वाली शरारत सही थी या HR के पास जाना बेहतर होता? कभी आपने भी ऑफिस में किसी से इस तरह 'मज़ेदार बदला' लिया है?
नीचे कमेंट में अपनी राय जरूर शेयर करें, और अगर आपके पास भी कोई मज़ेदार किस्सा हो तो बताइए—शायद अगली बार आपकी कहानी यहां छप जाए!
आखिर में, याद रखिए—"जहां काम, वहां तकरार; लेकिन हंसी-मज़ाक भी ज़रूरी है यार!"
मूल रेडिट पोस्ट: Coworker gets just a small ounce of revenge she deserves