ऑफिस की ग्रुप चैट में एक 'याइक्स' ने मचाया बवाल: सहकर्मियों की छोटी बदला-गाथा
ऑफिस की राजनीति में हर किसी को कभी न कभी उलझना ही पड़ता है। खासकर जब आपकी टीम में ऐसे लोग हों, जो अपनी असुरक्षा के कारण दूसरों को नीचा दिखाने में ही अपनी जीत मानते हैं। आज की कहानी है एक ऐसे डिज़ाइनर की, जिसने अपने दो सहकर्मियों की चालबाजियों के सामने आखिरकार एक छोटा-सा लेकिन तगड़ा बदला लिया – और वो भी सिर्फ एक शब्द से, "याइक्स"।
अब सोचिए, आपकी टीम में एक सीनियर है, जिसे दस साल का अनुभव है, लेकिन आत्मविश्वास ज़ीरो! उसकी insecurity इतनी ज़्यादा है कि विदेश में पढ़ाई करने के बाद उस देश को ही अपना घर मानने लगी है। कभी-कभी तो लगता है जैसे 'कुछ भी' कहकर खुद को खास दिखाने का शौक है। ऐसे लोग न सिर्फ खुद परेशान रहते हैं, बल्कि अपने आस-पास के लोगों को भी चैन से काम नहीं करने देते। यही हाल हमारे कहानी के नायक/नायिका के साथ भी हुआ।
पहले तो उस सीनियर ने नए सदस्य को gaslight किया – यानी बार-बार ये जताया कि तुम्हारा काम ही गलत है, तुम्हारे फोंट-कलर सब गड़बड़ हैं। अब हमारे देश में तो ऐसे 'सीनियर्स' की भरमार है, जो नए लोगों को 'तू अभी बच्चा है' समझकर काम में टांग अड़ाते रहते हैं। लेकिन इस डिज़ाइनर ने भी आखिरकार इन बातों को झटक दिया, क्योंकि ऑफिस के कुछ पुरुष सहकर्मियों के सामने अपमानित किया जाना किसी को अच्छा नहीं लगता।
अब बात आती है दूसरे साथी की, जो दिखावे में दोस्त, लेकिन पीठ पीछे साजिशी - व्हाट्सएप के स्क्रीनशॉट्स लेकर बॉस के पास चुगली करने वाले टाइप! मतलब ऑफिस की 'राजनीति' का पूरा-पूरा मजा ले रहे हैं। ऐसे लोगों को देखकर तो अपने यहां की कहावत याद आ जाती है – "सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे"। लेकिन यहाँ तो दोनों ही सांप एक-दूसरे को डसने में लगे थे।
अब असली मजा तब आया जब इन दोनों ने मिलकर एक बड़ा डिज़ाइन प्रोजेक्ट पूरा किया और पूरे टीम को उसका लिंक भेजा। लेकिन यह क्या! खुद ही अपने बनाए टेम्पलेट्स को तोड़-मरोड़ दिया, ताकि जब हमारा डिज़ाइनर आगे काम करे, तो कह सकें – "देखो, ये तो अलग दिख रहा है, ये गलत है!" लेकिन भाई साहब, प्रोजेक्ट की हालत ऐसी कि—टाइपो, गलत हाइफनेशन, हर पेज पर अलग फोंट, रंगों की inconsistency... एकदम "कचरा"।
यहाँ पर कहानी में ट्विस्ट आता है। हमारे नायक/नायिका ने छुट्टियों पर जाने से पहले, टीम के ग्रुप चैट में सिर्फ एक शब्द लिखा – "याइक्स।" अब हिंदी में कहें तो "ओह भई! ये क्या कर डाला?" एकदम चुटकी में सबको बता दिया कि ये प्रोजेक्ट किस कदर खराब है, वो भी बिना ज्यादा बोले। इस एक शब्द ने दोनों सहकर्मियों की मेहनत पर पानी फेर दिया, और सबसे बड़ी बात – टीम के उन पुरुष सदस्यों के सामने, जिनके सामने ये अक्सर दूसरों को नीचा दिखाते थे।
रेडिट पर इस कहानी को पढ़कर कई लोगों ने अपनी-अपनी राय दी। एक कमेंट में किसी ने लिखा, "अब तो ये दोनों आपस में ही एक-दूसरे को दोष देंगे कि गलती तेरी थी!" सच कहें तो हमारे ऑफिसों में भी यही होता है – जब गलती पकड़ में आ जाए, तो एक-दूसरे पर इल्जाम लगाने की होड़ लग जाती है।
एक और मजेदार कमेंट था – "ऑफिस में असली दोस्त कभी नहीं होते!" यह बात तो हमारे यहां चाय की दुकान से लेकर काउबॉय तक सबको पता है। काम के नाम पर दोस्ती, और फायदे के लिए धोखा – ऑफिस की दुनिया में आम बात है।
किसी ने तो यह भी कहा कि – "याइक्स" कहना इतना subtle बदला था कि बिना कुछ बोले सामनेवाले को आईना दिखा दिया। यही असली 'छोटी बदला' है – बिना लड़ाई-झगड़े के, सामनेवाले को अपनी गलती खुद महसूस हो जाए।
कुछ लोगों ने gender-dynamics पर भी सवाल उठाया, जैसे – "हर बार पुरुष सहकर्मी ही authority क्यों माने जाते हैं?" तो OP ने साफ-साफ कहा कि ये सिर्फ उनके ऑफिस का dynamics है, हर जगह ऐसा नहीं होता, और अगर कोई पुरुष यह चालबाजी करता तो भी शिकायत उतनी ही होती।
सबसे दिलचस्प कमेंट में एक यूज़र ने ताओ दर्शन का उदाहरण दिया – "कभी-कभी सबसे बड़ा वार वही होता है, जिसमें कोई जोर नहीं लगाया जाता।" यानी जैसे हमारे यहां कहते हैं, "चुप रहकर भी बहुत कुछ कह देना।"
कई लोगों ने OP की हिम्मत की तारीफ की कि उन्होंने अपने लिए खड़े होकर गलत को गलत कहा, और साथ ही ये भी सलाह दी कि अगले ऑफिस में HR से शुरू में ही दोस्ती कर लेना, वरना ऐसे हालात फिर सामने आ सकते हैं।
कहानी का मजा यही है कि ऑफिस के ये 'एनर्जी वैम्पायर' हर जगह मिल जाएंगे, लेकिन सही समय पर छोटी-सी प्रतिक्रिया भी बड़ा असर कर सकती है।
तो अगली बार जब आपके ऑफिस में कोई आपको नीचा दिखाने की कोशिश करे, तो याद रखिए – कभी-कभी एक छोटा सा "याइक्स" या "ओ भाई साहब!" भी बहुत बड़ा बदलाव ला सकता है।
आपका क्या अनुभव है ऐसे सहकर्मियों के साथ? क्या आपने भी कभी छोटी बदला ली है? नीचे कमेंट करके जरूर बताएं – क्योंकि ऑफिस की राजनीति में सबका तजुर्बा अनमोल है!
मूल रेडिट पोस्ट: Dropping a “Yikes” in the group chat before holiday