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ऑफिस की 'करन' का करारा बदला: जब चौकसी भारी पड़ गई

क्यूबिकल में प्रिंटिंग नियम लागू करने वाली सख्त ऑफिस कर्मचारी करेन का एनीमे चित्रण।
मिलिए करेन से, ऑफिस की नियमों की रक्षक! यह जीवंत एनीमे-शैली का चित्रण उसे प्रिंटिंग प्रथाओं की निगरानी करते हुए दर्शाता है, यह सुनिश्चित करते हुए कि सभी नियमों का पालन करें। क्यूबिकल की दुनिया में, वह "करन" के रूप में सबसे अलग दिखाई देती हैं, यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी व्यक्तिगत उपयोग के लिए प्रिंट न करे।

ऑफिस की दुनिया बड़ी अजीब है। यहां हर किस्म के लोग मिलते हैं—कुछ मज़ेदार, कुछ सहयोगी, और कुछ ऐसे भी, जो खुद को सबका चौकीदार समझ बैठते हैं। ऐसे लोगों को अक्सर हम मजाक में 'करन' कहते हैं। पर सोचिए, अगर किसी का नाम ही Karen हो और उसकी हरकतें भी उसी नाम के मुताबिक हों, तो ऑफिस का माहौल कैसा हो सकता है?

आज की कहानी है एक ऐसी 'करन' की, जो अपने ऑफिस में सबको टोकने, टपकने और टोकाटाकी करने में नंबर वन थी। लेकिन कहते हैं न, "जैसा करोगे, वैसा भरोगे!" तो जब ऑफिस के IT विभाग ने उसकी असली पोल खोली, तो सबकी हंसी छूट गई।

करन की चौकसी: ऑफिस का 'प्रिंटर पुलिस'

हमारे समाज में मोहल्ले की 'चाची' या 'काकी' तो आपने देखी ही होंगी, जो सबका हिसाब-किताब रखती हैं—कौन कब आया, किसने क्या खाया, किसकी बहू किससे बात कर रही है... ऐसे ही करन भी ऑफिस में प्रिंटर की रखवाली करती थी। कोई भूल से भी प्रिंटर पर एकतरफा पेज निकाल ले, या पर्सनल काम के लिए कुछ छाप ले, तो करन की नजरें सीसीटीवी से भी तेज़ हो जातीं।

ऑफिस का नाम था 'प्रोडक्शन ऑफिस', और पास में ही था 'कॉरपोरेट ऑफिस', जहां IT विभाग रहता था। कभी-कभी दोनों बिल्डिंग्स के लोग एक-दूसरे के क्यूबिकल में आ बैठते थे। एक दिन IT वाले प्रोडक्शन ऑफिस में सिस्टम अपग्रेड करने आए। करन को उनका कोई परिचय नहीं था, तो उसने फौरन अपनी चौकसी चालू कर दी।

'सरकारी बाबू' अंदाज में फंसी करन

IT विभाग के हेड साहब मौसम देख रहे थे—वो भी ऑफिस की सुरक्षा के लिए, क्योंकि उस दिन तेज़ आंधी-तूफान आने वाला था। करन ने स्क्रीन पर मौसम का पन्ना देखा और तुरंत हड़काने पहुँच गई, "ऑफिस के इंटरनेट का दुरुपयोग हो रहा है!"

यहाँ असली मज़ा तो तब आया, जब करन को पता ही नहीं था कि जिसे वो डांट रही है, वही IT विभाग का बॉस है! साहब ने मुस्कुराकर बात टाल दी और अगली चाय ब्रेक में अपने दोस्त (यानी कहानी के लेखक) को किस्सा सुना दिया। लेखक ने भी ठहाका लगाया और बताया, "अरे साहब, ये हमारी करन है—ऑफिस का सिरदर्द!"

बदले की बारी: IT विभाग का छोटा सा 'पेटी रिवेंज'

यहाँ आईटी हेड ने सोचा, "अब करन को उसके ही अंदाज में जवाब देना चाहिए।" उन्होंने करन की ब्राउज़िंग हिस्ट्री चेक की—और क्या निकला? करन अपने बंद ऑफिस में रोज़ घंटों ऑनलाइन शॉपिंग करती थी! जिस दिन उसने IT हेड को टोका, उसी दिन उसने अपने ऑफिस से एक नई ब्लाउज़ भी खरीदी थी।

यहाँ एक पाठक ने बड़ा अच्छा कमेंट किया—"भैया, ऑफिस में IT वालों से कभी पंगा मत लेना! चाहे वो आपके इंटरनेट की स्पीड घटा दें, या मनपसंद वेबसाइट ब्लॉक कर दें, या फिर आपकी सारी पोल खोल दें।" बिल्कुल सही बात है! एक और कमेंट में तो लिखा, "खाना बनाने वाले, कचरा उठाने वाले और IT वाले—इनसे कभी दुश्मनी मत पालना।" सोचिए, अगर IT वाले चाह लें तो आपकी इंटरनेट स्पीड को डायल-अप से भी धीमा कर दें!

करन की शिकायत IT हेड ने ऊपर भेज दी। हफ्ते भर में करन को ऑफिस से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया—वो भी बाकायदा सिक्योरिटी के साथ। जिसको सबकी आदतें खराब लगती थीं, उसकी अपनी आदतें सबसे ज्यादा गड़बड़ निकलीं।

सीख और मनोरंजन: ऑफिस की राजनीति में कब, क्या करें?

इस कहानी से कई दिलचस्प बातें निकलती हैं। सबसे पहली—"जिस थाली में खाते हो, उसमें छेद मत करो।" ऑफिस में किसी की जासूसी या बेवजह टोकाटाकी करना खुद के लिए ही मुसीबत मोल लेना है। एक पाठक ने बढ़िया कहा, "अगर खुद पाक-साफ़ न हो, तो दूसरों पर पत्थर फेंकना बेवकूफी है।"

कुछ लोग बोले—"भले ही ऑफिस का इंटरनेट मिलता है, लेकिन पर्सनल काम के लिए अपने मोबाइल या डाटा का इस्तेमाल करें।" आजकल हर कंपनी की पॉलिसी सख्त है। कई बार तो IT विभाग को पर्सनल सर्चिंग में कोई दिलचस्पी नहीं होती, जब तक आप खुद उनका ध्यान अपनी हरकतों से न खींच लें।

एक और मजेदार कमेंट—"ऑफिस में IT वालों से दोस्ती बना कर रखो; वे ज़रूरत पर हीरो भी बन सकते हैं, और विलेन भी!" दरअसल, ऑफिस की राजनीति में सबसे जरूरी है—संतुलन और समझदारी। बेवजह की जासूसी, चुगली या टोकाटाकी से बचें, और खुद भी पॉलिसी का पालन करें।

अंत में—करन के जाने के बाद ऑफिस में बहार

जब करन को निकाला गया, ऑफिस में जैसे एक नई हवा चल पड़ी। सबने राहत की सांस ली। एक पाठक ने लिखा, "अरे, अब तो ऑफिस चैन की बंसी बजाएगा!" और सच भी है—हर ऑफिस में एक-आध करन होती है, लेकिन उनका अंत हमेशा सबको सुकून देता है।

तो मित्रों, अगली बार जब ऑफिस में कोई 'करन' दिखे, तो मुस्कुरा कर याद कर लेना—"अरे, करन! जरा अपने घर में भी झांक लो।"

क्या आपके ऑफिस में भी ऐसी कोई 'करन' या 'चाचा चौधरी' हैं? अपनी मजेदार कहानियां कमेंट में ज़रूर साझा करें!


मूल रेडिट पोस्ट: Karen at work