ऑफिस के कैबिन में जब सुरों की जंग ने मचाया तहलका
ऑफिस की लाइफ में सबसे बड़ा चैलेंज क्या होता है? डेडलाइन! लेकिन कभी-कभी डेडलाइन से भी बड़ा सिरदर्द बन जाता है—वो सहकर्मी जो बिना नागा गप्पें लड़ाए जाता है। आप काम में मग्न रहना चाहें, लेकिन आसपास का शोर आपके मन का चैन उड़ा देता है। आज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है—जहां एक कर्मचारी ने अपने 'शोरगुल वाले' सहकर्मी को बड़े ही अनोखे अंदाज में सबक सिखाया।
जब ऑफिस बन गया 'गपशप चौपाल'
हमारे नायक (या नायिका), जिनका नाम लूना है, एक मल्टीनेशनल ऑफिस में काम करते हैं, जहां हर कैबिन में चार लोग बैठते हैं। महीने में एक हफ्ता वर्क फ्रॉम होम का सुख मिलता है, बाकी समय दफ्तर की चका-चौंध झेलनी पड़ती है। पिछले हफ्ते लूना के तीन में से दो सहकर्मी घर से काम कर रहे थे, और लूना को एक ऐसे बंदे के साथ समय बिताना पड़ा, जिसका नाम था—एली।
एली, वो इंसान, जिसे न सिर्फ बोलना पसंद है, बल्कि अपने दोस्तों को भी ऑफिस में बुलाकर गपशप का महौल बना देता है। लूना ने शालीनता से कई बार कहा—"भैया, थोड़ा धीरे!" लेकिन एली को जैसे कान ही नहीं थे। ऊपर से, एली अपने गाँव की बोली में दोस्तों से बातें करता, ठहाके लगाता और माहौल को और भी रंगीन बना देता। लूना को यही बात सबसे ज्यादा चुभती थी—ऑफिस में प्रोफेशनल माहौल की उम्मीद करना गलत तो नहीं!
जब 'करारा जवाब' बना सुरों का हथियार
आखिर लूना ने सोचा—"जैसे को तैसा!" अब एली को सीधे टोकने से काम नहीं बन रहा था, तो लूना ने अपनाया संगीत का रास्ता। इयरफोन लगाए, 'कैरेबियन क्वीन' जैसे अंग्रेजी गाने पर सुर मिलाने लगे, और वो भी इतनी आवाज़ में कि एली के कान खड़े हो जाएं, लेकिन बाकी ऑफिस डिस्टर्ब न हो।
एली को यह कतई पसंद नहीं आया। उसने कहा, "गाना बंद करो!" लूना ने मुस्कराकर जवाब दिया—"जब तक तुम शोर मचाओगे, मैं गाता रहूँगा।" बाकी दिन एली ने चुप्पी साध ली, और जब भी उसके दोस्त आए, तो आवाज़ में भी भारी गिरावट आई।
इस पूरे किस्से में HR का कोई रोल नहीं था, क्योंकि लूना के ऑफिस में HR वैसे भी 'हाथी के दाँत' जैसा है—दिखाने के लिए कुछ और, करने के लिए कुछ नहीं!
पाठकों की राय और मजेदार सुझाव
जहाँ एक ओर लूना की चतुराई ने एली को चुप करा दिया, वहीं Reddit के पाठकों ने भी अपने-अपने 'नुस्खे' बांटे। एक पाठक prof-bunnies ने तो सलाह दी—"पूरे ग्रुप के साथ गानों का प्लेलिस्ट बना लो, जब एली आए तो सब मिलकर गाओ, और गानों में 'बच्चों के गाने', पॉप हिट्स, K-Pop—सब घुमा डालो।" सोचिए, अगर हमारे ऑफिसों में भी ऐसा हो, तो बॉस के तो पसीने छूट जाएं!
एक और मजेदार टिप्पणी थी—"यह सब वैसा ही है, जैसे स्कूल में गेम पीरियड में टीचर न हो, और बच्चे पूरे ग्राउंड में शोर मचाते रहें!" सच ही तो है, ऑफिस भी कभी-कभी स्कूल के मैदान जैसा हो जाता है।
कुछ पाठकों ने सलाह दी कि 'लोरी जैसे क्लासिकल गाने' या डरावने म्यूज़िक बजाओ, ताकि शोर मचाने वालों को खुद ही शांति भा जाए!
भारतीय ऑफिसों में ऐसे 'पेटी रिवेंज' क्यों जरूरी हैं?
हमारे देश में भी ऑफिस कल्चर कुछ कम नहीं। अक्सर हम अपने सहकर्मियों की आदतों से परेशान रहते हैं—कोई चाय के बहाने लंबी चर्चा, कोई मोबाइल पर जोर-जोर से बात, तो कोई अपने लोकल डायलॉग्स में हँसी-ठिठोली करता रहता है। ऐसे में कभी-कभी 'पेटी रिवेंज' यानी छोटी-छोटी शरारतें ही काम आती हैं, जिससे बिना लड़े-झगड़े माहौल सुधर जाता है।
लूना की यह कहानी हमें सिखाती है कि कभी-कभी समस्या का हल सीधा टकराव नहीं, बल्कि थोड़ा रचनात्मक होना है। जैसे हमारे गाँव के बुजुर्ग कहते हैं—"लोहे को लोहा काटता है," वैसे ही शोर का जवाब सुरों से देना भी बुरा नहीं!
आपकी राय क्या है?
क्या आप भी ऑफिस में किसी 'एली' से परेशान हैं? या कभी आपने भी अपने अंदाज में किसी को सबक सिखाया? कमेंट में जरूर बताइए, और अगर अगली बार ऑफिस में कोई शोर मचाए, तो गाने की एक नई प्लेलिस्ट तैयार रखिए—हो सकता है, माहौल ही बदल जाए!
मूल रेडिट पोस्ट: Shared workspace pettiness