ऑफिस की अजब-गजब कहानियाँ: जब ट्रेनिंग अधूरी हो और काम सिर पर हो!
ऑफिस की ज़िंदगी वैसे तो बाहर से बड़ी आरामदायक और चमचमाती लगती है, लेकिन अंदर झाँकिए तो वहाँ भी रोज़ तगड़ी उठापटक चलती रहती है। कभी बॉस का मूड खराब, तो कभी स्टाफ की कमी, और ऊपर से नए लोग आते ही भाग जाते हैं! आज हम Reddit की एक कम्युनिटी r/TalesFromTheFrontDesk के चर्चित थ्रेड की बातें आपके साथ शेयर कर रहे हैं, जहाँ लोग अपने ऑफिस के अनोखे अनुभव साझा कर रहे हैं। पढ़िए, हँसिए और सोचिए – क्या आपके ऑफिस में भी ऐसा ही होता है?
जब ट्रेनिंग अधूरी रह जाए और काम सिर पर आ जाए
सोचिए, आप ऑफिस में घुसे, मन में यही सोचकर कि अभी तो कुछ दिन और आराम से ट्रेनिंग चलेगी। लेकिन अचानक आपको खुद ही पूरा हॉल संभालने के लिए कह दिया जाए! Reddit यूज़र 'katyvicky' के साथ कुछ ऐसा ही हुआ। उन्हें लगा था कि रिहैब (पुनर्वास) वाले हिस्से में उनकी ट्रेनिंग अभी चार-पाँच दिन और चलेगी। पर ऑफिस वालों ने उन्हें सीधा मैदान में उतार दिया – "सीखो या डूबो" वाली स्थिति हो गई!
सबसे बुरी बात यह थी कि एक साथी ऐड (सहायक) बीच शिफ्ट में चला गया और दूसरा अकेला पड़ गया। ऊपर से पिछले महीने कई ऐड्स या तो नौकरी छोड़कर चले गए या कॉलेज चले गए। अब कम स्टाफ में 60 लोगों की देखभाल – भाई साहब, ये तो किसी हॉस्पिटल के वॉर्ड बॉय की हालत जैसी हो गई! 'katyvicky' ने खुद शेयर किया कि इस सब के लिए वे बिल्कुल भी तैयार नहीं थीं। ज़रा सोचिए, ऑफिस में जब एकदम से ऐसा कोई भार आ जाए, तो क्या हाल होता होगा?
ओन द जॉब ट्रेनिंग: "सीधे मैदान में उतार दो!"
एक और कमेंट में 'craash420' बताते हैं कि उन्होंने भी सेल्स की ट्रेनिंग शुरू की थी। ज़्यादातर समय वे अपने ट्रेनर के डेस्क पर बैठकर उनके ईमेल्स और ऑर्डर प्रोसेस करते रहे। अचानक एक दिन ट्रेनर बोले, "बुरा मत मानना, लेकिन मुझे इंतजार है कि तुम जल्दी से अपनी सीट सँभालो और मेरी सीट खाली करो!" अगले ही हफ्ते उन्हें अपनी खुद की ऑफिस मिलने वाली थी।
कितना relatable है ना? हमारे यहाँ भी अक्सर नए लोग सोचते हैं कि अभी तो सीख रहे हैं, लेकिन सीनियर लोग जल्दी से जल्दी उन्हें झोंक देते हैं – "अब तुम ही देख लो, हमें तो और भी काम हैं!" वैसे ये तरीका थोड़ा तगड़ा जरूर है, लेकिन इससे असली दुनिया की ट्रेनिंग मिलती है।
'katyvicky' ने भी यही कहा – "ट्रेनिंग व्हील्स हटाने के लिए मैं तैयार नहीं थी। एक ऐड एक बात बताता, दूसरा कुछ और ही बोलता। रात को जब मुझे दोबारा लंबी टर्म वाले हिस्से में जाना पड़ा, तो मन में आया – 'ये क्या झंझट है, ये लोग हमें शॉर्ट स्टाफ क्यों छोड़ देते हैं!'"
गेस्ट का ड्रामा और ऑफिस की उलझनें
अब जरा सोचिए, होटल में कोई गेस्ट आकर सिर्फ बातों में ही उलझाए जा रहा है। Reddit यूज़र 'meuntilfurthernotice' ने लिखा कि उन्होंने पहली बार 'Psycho' फिल्म देखी और जब वहाँ सैम, नॉर्मन को बातों में उलझा रहा था, तो उन्हें अपने परेशान गेस्ट याद आ गए – जो सिर्फ बातें करते रहते हैं और काम में डिस्टर्ब करते हैं!
हमारे यहाँ भी तो ऐसे लोग होते हैं – चाहे बैंक की लाइन हो, या सरकारी दफ्तर की खिड़की, कुछ लोग बस बातें ही करते हैं, बाकि सब लाइन में खड़े-खड़े कुढ़ते रहते हैं। मज़ेदार बात यह रही कि एक और यूज़र ने मजाक में कहा, "क्या मुझे अपना अकाउंट नाम 'normanbateswasright' रख लेना चाहिए?" यानी, कभी-कभी गेस्ट की बातें भी मुश्किलें बढ़ा देती हैं!
बॉस की फरमाइशें और स्टाफ की हालत
अरे साहब, Reddit पर एक यूज़र 'RoseRed1987' ने तो हद ही कर दी! लिखते हैं – "बॉस ने इस हफ्ते मुझे पूरे 7 दिन शेड्यूल कर दिया और ऊपर से आज जल्दी बुलाने की भी हिम्मत दिखाई!" अब भला सोचिए, सात दिन लगातार ऑफिस और फिर जल्दी भी बुला लिया जाए, तो किसका मूड नहीं खराब होगा? अपने यहाँ भी तो बॉस लोग अक्सर यही करते हैं – "हफ्ते भर आ जाना, थोड़ा जल्दी भी आ जाना, थोड़ा रुक भी जाना!"
इसी से जुड़ा एक और किस्सा आया कि कुछ लोग सिर्फ अपने पायलट लाइसेंस के घमंड में रहते हैं, लेकिन जब सही आईडी माँग लो, तो तुनक जाते हैं। भाई, एक आईडी दिखा देंगे तो क्या इज्जत कम हो जाएगी?
कम्युनिटी की सीख: हर जगह एक सी कहानी
इन सब किस्सों में एक बात कॉमन है – चाहे अमेरिका हो या इंडिया, ऑफिस की परेशानियाँ, स्टाफ की कमी, बॉस की डिमांड्स और कस्टमर के नखरे, सब जगह एक जैसी हैं। फर्क बस इतना है कि हमारे यहाँ थोड़ी मिर्च-मसाला ज़्यादा है!
कई बार नए लोग आते हैं, लेकिन स्टाफ की हालत देखकर भाग जाते हैं। 'katyvicky' ने भी यही डर जताया – "नई भर्ती हो रही है, पर कहीं स्टाफ-रहवासी अनुपात देखकर डर न जाएँ और हमें फिर अकेले न छोड़ दें।"
निष्कर्ष: आपकी भी कोई मज़ेदार ऑफिस कहानी है?
अगर आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि ट्रेनिंग पूरी होने से पहले ही आपको मैदान में उतार दिया गया हो, या बॉस ने सातों दिन बुला लिया हो, या गेस्ट ने दिमाग की दही बना दी हो – तो कमेंट में जरूर बताइए! आखिर, ये छोटी-छोटी परेशानियाँ ही तो हमारी ऑफिस लाइफ को मसालेदार बनाती हैं।
और हाँ, Reddit की r/TalesFromTheFrontDesk कम्युनिटी की तरह, आप भी अपनी कहानियाँ शेयर करें – हँसिए, सीखिए और दूसरों को भी हँसाइए।
"काम का बोझ कभी-कभी ज़्यादा हो जाता है, पर थोड़ा हँस लेने में क्या जाता है!"
मूल रेडिट पोस्ट: Weekly Free For All Thread