ऊबर को क्या बताऊं? गलती मेरी या आपकी? होटल की मज़ेदार कहानी
होटल की रिसेप्शन डेस्क पर काम करना किसी रोलरकोस्टर की सवारी से कम नहीं। हर रात नए-नए किरदार, नई-नई परेशानियाँ और कभी-कभी ऐसी घटनाएँ, जिनका ज़िक्र करते हुए हँसी छूट जाए! आज आपके लिए एक ऐसी ही कहानी लेकर आया हूँ, जिसमें एक साहब ने अपनी 'स्मार्टनेस' की वजह से होटल वालों की परीक्षा ले डाली।
एक शहर, तीन होटल और ऊबर की भागदौड़
कनाडा के एक शहर में, जहाँ हवाई अड्डे के पास तीन D नाम के होटल हैं – एक छोटा D, एक मेरा D, और एक बड़ा D। सुनने में तो लगता है जैसे किसी हिंदी फिल्म का सीन है – "छोटा भाई, मंझला भाई और बड़ा भाई!" अब तीनों होटल का नाम और पता अलग-अलग, बिल्कुल हमारे यहाँ दिल्ली, नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली की तरह। पर साहब को इन सबसे क्या लेना-देना? उन्होंने तो बस एयरपोर्ट से निकलते ही ऊबर ऐप खोला और बिना देखे-सोचे "D Hotel" सर्च करके पहला होटल पकड़ लिया।
पहले पहुँचे बड़े D होटल, वहाँ पता चला – गलत जगह आ गए। फिर बिना सीखे, बिना सबक लिए दुबारा वही किया – ऊबर बुलाया और पहुँच गए छोटे D होटल। फिर पता चला, ये भी सही नहीं। आखिरकार तीसरी बार सही पते पर यानी मेरे D होटल पर पहुँचे। अब बताइए, इतनी भागदौड़ के बाद कौन सा इंसान चिढ़ा हुआ नहीं होगा?
"ऊबर को बताओ!" – ज़िम्मेदारी किसकी?
साहब बड़ी गुस्से में आए – "तुम्हें कुछ करना चाहिए, मुझे बहुत परेशानी हुई है!" मैंने भी विनम्रता से पूछा – "जनाब, हुआ क्या?" तो पता चला, अपनी गलती से तीनों D होटल घूम आए थे। अब साहब का गुस्सा होटल या ऊबर पर नहीं, अपनी खुद की लापरवाही पर था, पर कहें किससे? बोले – "ऊबर को बताओ, उनकी गलती है।" अब कोई इनसे पूछे, भाई, ऊबर के ऐप में होटल का नाम और पता साफ-साफ लिखा होता है। होटल वाले क्या करें, अगर आप बिना पढ़े-सोचे हर जगह चले जाते हैं!
यहाँ एक टिप्पणीकार की बात याद आती है – "नाम और पता तो वैसे भी ओवररेटेड हैं।" सच बात है, अगर नाम-पते का ध्यान नहीं रखा, तो फिर तो दिल्ली के चांदनी चौक में भी 'ताजमहल होटल' मिल जाएगा!
होटल की दुनिया की आम कहानी – नाम में उलझन, गुस्सा बेवजह
ऐसी घटनाएँ होटल इंडस्ट्री में आम हैं। एक टिप्पणीकार ने लिखा – "हमारे यहाँ भी दो होटल हैं, दोनों के नाम में बस एक शब्द का फर्क, पर लोग अक्सर गलत पहुँच जाते हैं और हमें बुरा-भला कहते हैं।" एक और मजेदार किस्सा – किसी ने जापान की यात्रा का जिक्र किया, जहाँ 'एक्स होटल स्टेशन ईस्ट' और 'एक्स होटल स्टेशन वेस्ट' में कन्फ्यूजन हो गया। पर वहाँ के मेहमानों ने गलती मान ली, हँसी में टाल दिया। लेकिन हमारे साहब को तो होटल की दीवारें भी दोषी लगती हैं!
और तो और, एक साहब ने तो कमेंट में गोल्डीलॉक्स की कहानी याद दिला दी – "पहला होटल बड़ा D था, दूसरा छोटा D, तीसरा बिल्कुल सही D!" ऐसी किस्सों में थोड़ी मस्ती न हो तो मज़ा ही क्या!
गलती मानना भी एक हुनर है
कई लोग अपनी गलती मानने में कतराते हैं। एक पाठक ने बड़ी अच्छी बात लिखी – "अगर कोई गलती हो जाए तो हँसकर स्वीकार कर लो, दुनिया में और भी लोग हैं जो अपनी गलती छुपाने के लिए दूसरों को दोष देते हैं।" सही कहा, भाई! हम सब इंसान हैं, गलती सबसे होती है। पर गलती को दूसरों के सिर मढ़ना—ये तो हमारे यहाँ भी खूब देखा गया है। याद आया, जब किसी रिश्तेदार की शादी में गलत जगह पहुँच जाते हैं, तो भी दोष पेटू ड्राइवर या वेडिंग कार्ड वाले को ही दिया जाता है!
कुछ लोग तो इतने सतर्क होते हैं कि होटल बुकिंग के बाद तीन बार पता, लोकेशन और होटल का नाम चेक करते हैं। एक पाठक ने लिखा – "हमने वेगास यात्रा में होटल का नाम-पता, गली, चौराहा सब कन्फर्म किया, फिर भी डरते रहे कहीं कहीं गलत होटल न पहुँच जाएं!"
सीख – ध्यान से पढ़ो, तभी बचेगा पैसा और समय
आखिर में, उस साहब की बेपरवाही ने उन्हें करीब 120 डॉलर का नुक्सान करवा दिया। सोचिए, अगर हर बार ऐसे ही घूमते रहे, तो कनाडा के 12 D होटल की यात्रा मुफ्त में पूरी हो जाएगी! होटल स्टाफ ने भी कोई मुफ्त की चीज़ नहीं दी, सीधा-सीधा सलाह दी – "अगली बार पूरा नाम और पता देख लेना।"
इस कहानी में एक सीख छुपी है – चाहे होटल हो, शादी का पंडाल या स्कूल, नाम और पता अच्छे से पढ़ लीजिए, नहीं तो बाद में खुद की बेवकूफी पर हँसी आएगी, गुस्सा दूसरों पर निकलेगा।
निष्कर्ष: आप भी बताइए, ऐसी कोई घटना आपके साथ हुई है?
होटल की दुनिया में रोज़ नए-नए ड्रामे होते रहते हैं। कभी मेहमान की गलती, कभी स्टाफ की परेशानी, और कभी-कभी दोनों की मिली-जुली मसखरी! क्या आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है? कभी गलत होटल, शादी, या परीक्षा केंद्र पहुँच गए हों? नीचे कमेंट में जरूर बताइए – आपकी मज़ेदार कहानी सुनने का हमें इंतज़ार रहेगा!
चलते-चलते – अगली बार कहीं भी बुकिंग करें, एक बार पूरा नाम-पता चेक जरूर कर लें, वरना ऊबर तो चलेगी ही, आपकी जेब भी हल्की हो जाएगी!
मूल रेडिट पोस्ट: Tell Uber What? About your stupidity?