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अमेरिका में कार किराए पर लेने का झंझट : टिकट नहीं? तो भी कोई बात नहीं!

क्या आपने कभी किसी ऐसे नियम का सामना किया है जो सुनने में ही सिर पकड़ लेने वाला लगे? सोचिए, आप एक व्यस्त हफ्ते के बाद घर लौटना चाहते हैं, सब तैयारी पक्की है – लेकिन कार रेंट करने में अड़चन आ जाए, वो भी ऐसी जिसमें सिर्फ एक हवाई जहाज की टिकट न होना ही आपकी सबसे बड़ी कमी हो! आज हम लाए हैं Reddit की एक मज़ेदार और सच्ची घटना, जिसमें एक महिला ने अमेरिकी कार रेंटल कंपनियों की ‘नॉनसेंस’ पॉलिसी का न केवल डटकर सामना किया, बल्कि अपना रास्ता भी खुद बना लिया।

अमेरिका में कार किराया : नियम इतने टेढ़े क्यों?

भारत में तो अक्सर आप ड्राइविंग लाइसेंस और आधार कार्ड दिखाकर कार किराए पर ले सकते हैं (और थोड़ी बहुत मिन्नतें भी काम आ जाती हैं!), लेकिन अमेरिका में मामला थोड़ा अलग है—खासकर अगर आप डेबिट कार्ड से पेमेंट करना चाहते हैं। Reddit यूज़र u/bucus ने बताया कि जब वे फ्लोरिडा से अलबामा शिफ्ट हुईं, तो उन्हें पता चला कि Enterprise जैसी नामी कंपनी डेबिट कार्ड और बाहर के स्टेट के लाइसेंस के साथ कार रेंट ही नहीं देती! अब भारत में ऐसी सुविधा पर ज्यादातर लोग बस मुस्कुरा देते, लेकिन वहां नियम एकदम टाइट हैं।

‘टिकट दिखाओ, वरना कार भूल जाओ!’ – हवाई अड्डे पर नियमों का तमाशा

जब u/bucus को वापस फ्लोरिडा लौटना था, तो उन्होंने Avis/Budget कंपनी चुनी, जिन्होंने डेबिट कार्ड और आउट-ऑफ-स्टेट लाइसेंस स्वीकारना बताया। मगर असली बवाल तो एयरपोर्ट पहुंचने पर हुआ! वहाँ की कर्मचारी ने सीधे पूछा—“आपकी फ्लाइट डिटेल्स क्या हैं?” महिला ने कहा, “मेरे पास फ्लाइट टिकट नहीं है, बस कार रेंट करनी है।” जवाब आया—“माफ कीजिए, हवाई अड्डे से डेबिट कार्ड पर कार रेंट करने के लिए फ्लाइट टिकट ज़रूरी है।”

अब सोचिए, भारत में तो कई बार बिना टिकट के लोग रेलवे प्लेटफॉर्म पर पहुँच जाते हैं, और यहाँ टिकट न होने पर कार मिलना ही बंद! Reddit पर एक कमेंट करने वाले ने मज़ेदार अंदाज में लिखा, “ये तो असल में inconvenience fee है, भाई!”

जुगाड़ की ताकत : जब सिस्टम टेढ़ा, तो दिमाग चलाओ

अब यहाँ से कहानी में असली ट्विस्ट आता है। u/bucus ने वही किया जो हर जुगाड़ी भारतीय करता—सबसे सस्ती फ्लाइट टिकट खरीदी (फ्लोरिडा एयरपोर्ट से जो भी सबसे सस्ती मिल जाए!), और टिकट की जानकारी काउंटर पर दिखा दी। कर्मचारी ने भी ताड़ लिया, “मैम, मुझे पता है आप ये फ्लाइट पकड़ने नहीं जा रहीं!” लेकिन आखिरकार, नियमों के नाम पर ‘एक्सेप्शन’ देकर कार दे दी गई।

इस पर Reddit पर लोगों ने खूब चुटकी ली। एक ने कहा, “इस तरह तो मैं भी हर बार उड़ान का बहाना बनाकर कार निकाल लूं!” तो दूसरे ने सलाह दी, “अगली बार U-Haul ट्रक रेंट कर लेना, सस्ता भी, और डिपॉजिट भी कम!” जवाब में खुद OP ने लिखा, “काश ये आइडिया पहले आता! U-Haul तो सच में कमाल है, और वो इतनी डिपॉजिट भी नहीं मांगते।”

डेबिट कार्ड बनाम क्रेडिट कार्ड : अमेरिका में क्यों है इतना बवाल?

भारत में आजकल UPI और डेबिट कार्ड से पेमेंट आम बात है, लेकिन अमेरिका में कार रेंटल कंपनियों को डेबिट कार्ड से खास चिढ़ है। Reddit पर एक अनुभवी ट्रैवलर ने लिखा—“कार रेंटल कंपनियां डेबिट कार्ड को बिल्कुल पसंद नहीं करतीं। उन्हें डर रहता है कि नुकसान या एक्स्ट्रा चार्ज की भरपाई कैसे होगी। क्रेडिट कार्ड में तो लिमिट होती है, लेकिन डेबिट कार्ड में अकाउंट खाली भी हो सकता है।”

एक और कमेंट में बताया गया कि क्रेडिट कार्ड से रेंट करने पर अक्सर इंश्योरेंस फ्री मिलता है, जबकि डेबिट कार्ड वालों को एक्स्ट्रा डिपॉजिट देना पड़ता है। यही वजह है कि कई बार बिना क्रेडिट कार्ड वाले यात्रियों को नाकों चने चबाने पड़ते हैं।

एक पाठक ने भारतीय अंदाज में सवाल किया, “भाई, पैसे देने के बाद भी अगर कार न मिले, तो फिर क्या फायदा ऐसी कंपनी का?” इस पर दूसरे ने जवाब दिया, “यहाँ तो नियम कायदे ही सब कुछ हैं, ग्राहक की सुविधा बाद में आती है!”

नियम तोड़ो, लेकिन समझदारी से!

कहानी का सबसे दिलचस्प हिस्सा – जैसे ही u/bucus को कार मिल गई, उन्होंने फटाफट फ्लाइट टिकट कैंसिल कर दी। टिकट का आधा पैसा वापस मिला, और बाकी को उन्होंने ‘कन्वीनियंस फी’ मानकर छोड़ दिया। भारत में इसे ‘जुगाड़’ कहते हैं, अमेरिका में ‘मालिशियस कम्प्लायंस’—मतलब, नियम का पालन भी कर लिया और अपना काम भी बना लिया!

Reddit पर एक कमेंट ने मज़ेदार बात कही: “रिजर्वेशन लेने की बात सबको आती है, असली खेल है उसे होल्ड करना!” एक और ने लिखा, “कभी-कभी कंपनियां इतनी अजीब हरकतें करती हैं कि लगता है उपभोक्ता की सुविधा से उन्हें कोई मतलब ही नहीं।”

निष्कर्ष : नियमों का खेल और आम आदमी की जीत

इस पूरी घटना से एक बात तो साफ है—चाहे अमेरिका हो या भारत, आम आदमी के लिए नियम-कायदे अक्सर सिरदर्द बन जाते हैं। मगर थोड़ा सा दिमाग, थोड़ा जुगाड़, और ढेर सारी हिम्मत से आप हर सिस्टम को मात दे सकते हैं।

क्या आपको भी कभी किसी अजीब नियम या ‘पॉलिसी’ का सामना करना पड़ा है? अपने अनुभव नीचे कमेंट में जरूर शेयर करें—क्योंकि हर कहानी में छिपा होता है एक नया जुगाड़!


मूल रेडिट पोस्ट: no ticket? no problem