मकानमालकिन की चालबाज़ी, किरायेदार की चालाकी: एक मज़ेदार बदला
किराए के घर में रहना अपने आप में एक जुआ है—कब कौन-सी परेशानी सामने आ जाए, कौन-सा मकानमालिक या मालकिन कैसा निकले, कोई भरोसा नहीं। लेकिन सोचिए अगर आपकी पड़ोसन ही आपकी मकानमालकिन हो और ऊपर से उसकी नज़रें हमेशा आपके घर की चौखट तक पहुंच जाएं, तो ज़िंदगी कैसी होगी? आज की कहानी कुछ ऐसी ही है, जहां एक किरायेदार ने सब्र और समझदारी से अपनी मकानमालकिन को ऐसा सबक सिखाया कि न सिर्फ उनका सस्ता किराया डबल हो गया, बल्कि नौकरी भी गई!