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जब 'एल्विश' भाषा ने पूरे क्लास को चौंका दिया: एक नन्ही सी बदला-गाथा

क्या कभी आपने स्कूल के दिनों में किसी को अपनी शरारत या होशियारी से चौंका दिया है? आज की यह कहानी है दो ऐसे गीकों की, जिनके पास न तो मसल्स थे, न ही क्रिकेटर बनने का सपना, लेकिन दिमाग ऐसा कि बड़े-बड़ों की छुट्टी कर दें। और जब बात अपने सीक्रेट नोट्स की आई, तो इन्होंने ऐसा दांव खेला कि टीचर भी चौंक गए!

जब मेरी घूरती नज़रों ने लिफ्ट में मोबाइल चलाने वालों को सबक सिखाया

सार्वजनिक स्थल पर एक व्यक्ति को गुस्से से घूरते हुए दिखाते हुए कार्टून-3D चित्रण।
इस जीवंत कार्टून-3D चित्रण में, एक व्यक्ति का गुस्से भरा नज़र दूसरी व्यक्ति की बदतमीज़ी का सामना करता है। यह छवि एक अव्यवस्थित दुनिया में गलतफहमी के अनुभव को बखूबी दर्शाती है, जो हमारे ब्लॉग पोस्ट में साझा भावनाओं का प्रतिध्वनित करती है।

क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आप सार्वजनिक जगह पर खड़े हों और कोई सामने वाला शख्स ऐसे बर्ताव करे जैसे बाक़ी सबकी कोई परवाह ही न हो? मेट्रो, ट्रेन, या लिफ्ट में मोबाइल पर तेज़ आवाज़ में बात करना, टिकटॉक वीडियो की आवाज़ से माहौल खराब करना – इन सबने तो जैसे आजकल की सभ्यता की धज्जियाँ उड़ा दी हैं! पर क्या करें, हर किसी से बहस करना भी तो मुमकिन नहीं। ऐसे में एक अजीब लेकिन मज़ेदार तरीका है – बस घूर दो! वो भी ऐसी नज़रों से कि सामने वाला खुद ही अपनी हरकत पर शर्मिंदा हो जाए।

ऑफिस की राजनीति में 'सीक्रेट फोल्डर' का खेल: जब जूनियर बना खुद की चाल का शिकार

कार्यालय की परिस्थितियों से जूझता जूनियर टेक, साझा फ़ोल्डर में ईमेल जोड़ते हुए।
इस सिनेमाई दृश्य में, एक जूनियर टेक कार्यालय में चुनौतियों का सामना कर रहा है, जब वह 'गुप्त' साझा फ़ोल्डर में ईमेल जोड़ने की कोशिश कर रहा है। क्या वह टीमवर्क और संचार की जटिलताओं को समझ पाएगा, या निराशा उसे घेर लेगी?

ऑफिस की दुनिया भी अपने आप में एक अलग ही जंगल है, जहां हर कोई अपनी जगह बनाने के लिए तरह-तरह की चालें चलता है। कभी बॉस की मीठी-मीठी बातों से, तो कभी सहकर्मियों के साथ तालमेल बैठाकर। लेकिन जब कोई जूनियर अपने ही सीनियर को फँसाने की साजिश रचने लगे, तब क्या होता है? आज की कहानी कुछ ऐसी ही है, जिसमें ऑफिस का एक अनुभवी कर्मचारी अपने जूनियर की 'छुपी' चाल को उसी के अंदाज में मात देता है।

जब 'बजट गैरी' ने किया कंजूसी का ड्रामा, डेट ने ले लिया ₹33,000 का बदला!

एक निराश महिला का कार्टून-3D चित्र, जो सुशी रेस्टोरेंट में गलत डेट पर विचार कर रही है।
यह जीवंत कार्टून-3D चित्र उस क्षण को दर्शाता है जब हमारी नायिका को बजट गैरी के असली रंगों का एहसास होता है। किसे पता था कि डेट $400 के ओमाकासे दावत में बदल जाएगी?

किसी भी पहली डेट में एक्साइटमेंट तो होती है, लेकिन कभी-कभी ये एक्साइटमेंट अजीब मोड़ों पर भी पहुंच जाती है। आज की कहानी ऐसी ही एक पहली डेट की है, जिसमें लड़के की कंजूसी और दार्शनिकता ने लड़की को इतना परेशान कर दिया कि उसने जो किया, वो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया!

जब मास्टरजी ने छात्रों को दिखाया 'पेटी रिटायरमेंट' का असली मतलब

सेवानिवृत्ति के विकल्पों पर विचार करते हुए एक चिंतनशील शिक्षक, कक्षा के सामग्रियों और किताबों से घिरा हुआ।
इस फ़ोटो यथार्थवादी छवि में, एक समर्पित सामाजिक अध्ययन शिक्षक छोटी सेवानिवृत्ति के विचार में है, अपने पेशे के उपकरणों से घिरा हुआ। लगभग 30 वर्षों के अनुभव के साथ, वे शिक्षण की चुनौतियों को व्यक्तिगत स्वास्थ्य के विचारों के खिलाफ तौलते हैं।

स्कूल की घंटी बजी, बच्चे भागते-झूमते क्लास में घुसे और मास्टरजी—जिन्हें सब आदर से ‘सर’ कहते हैं—अपनी कुर्सी पर बैठकर मुस्कुरा दिए। लेकिन इस बार उनके चेहरे पर कुछ अलग था। शायद सुकून, शायद हल्की सी शरारत, या फिर दोनों। आखिर, तीन दशक की मेहनत के बाद, मास्टरजी ने जो फैसला लिया, वो आम नहीं था—उन्होंने "पेटी रिटायरमेंट" ले ली!

अब भला ये पेटी रिटायरमेंट क्या बला है? और हमारे मास्टरजी ने ऐसा क्यों किया? चलिए, आपको सुनाते हैं ये दिलचस्प दास्तान, जिसमें मिर्च-मसाला, तड़का और देसी मसखरी सब कुछ है!

जब ऑफिस की वैन बनी बदले की 'मछली गाड़ी' – एक नायाब पेटी रिवेंज

शहरी परिवेश में पार्क किया गया क्रिसलर वॉयेजर वैन, कार्यस्थल की गतिशीलता और साझा संसाधनों का प्रतीक।
इस सिनेमाई दृश्य में, क्रिसलर वॉयेजर वैन कार्यस्थल की भाईचारे की भावना और कार्यालय जीवन की अनपेक्षित मोड़ों को दर्शाता है, जब हमारी टीम साझा संसाधनों और प्रबंधन निर्णयों की चुनौतियों का सामना करती है।

हमारे देश की ऑफिस राजनीति भी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं होती – कभी प्रमोशन को लेकर खींचतान, तो कभी छुट्टियों के लिए जुगाड़, और कभी-कभी दफ्तर की गाड़ी को लेकर भी पूरा महाभारत छिड़ जाता है। आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं एक ऐसी ही अजब-गजब कहानी, जिसमें बदले की भावना का स्वाद भी है, मज़ेदार हरकतें भी, और अंत में "मछली" की खुशबू का तड़का भी!

शरारती भाई को टॉयलेट सीट की सजा – बहन ने दिया करारा जवाब!

एक गंदे बाथरूम का दृश्य, टॉयलेट सीट पर पेशाब के धब्बे, भाई-बहन की झगड़ालू स्थिति को दर्शाता है।
भाई-बहन की प्रतिद्वंद्विता पर एक मजेदार नज़र, यह चित्र उस गंदगी को दिखाता है जो एक ऐसे भाई के साथ रहने पर होती है जो निशाना नहीं साध पाता! आइए, मैं अपने मजेदार लेकिन परेशान करने वाले अनुभव साझा करता हूँ जब टॉयलेट सीट की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

घर में हर सुबह का नजारा वही – टॉयलेट सीट पर पेशाब के छींटे! अब सोचिए, अगर आपके घर में भी ऐसा हो, तो क्या आप भी गुस्से में उबाल खा उठेंगे? ठीक ऐसा ही हुआ Reddit यूज़र 'u/Nataliemeh' के साथ, जिनकी कहानी आज सोशल मीडिया पर हर घर की बहस बन गई है। उनका भाई बार-बार टॉयलेट सीट गंदी छोड़ जाता था, और बहन को हर बार सफाई करनी पड़ती थी। आखिरकार, बहन ने वही किया जो शायद हर किसी को कभी न कभी करना चाहिए – उसने अपने भाई को उसकी ही चाल में फंसा दिया!

जब सहकर्मी को सबक सिखाने के लिए पेट की ‘गैस’ बनी हथियार

ऑफिस या रेस्टोरेंट में काम करते हुए सहकर्मी से उलझना कौन नहीं चाहता! मगर कभी-कभी दिमाग से ज्यादा पेट की गैस काम आ जाती है। आज की कहानी है एक ऐसी होस्टेस की, जिसने अपने घमंडी सहकर्मी को सबक सिखाने के लिए ऐसा तरीका अपनाया, जिसे सुनकर आप भी हँसे बिना नहीं रह पाएँगे।

ऑफिस की राजनीति और छोटी बदले की बड़ी जीत: जब मैंने जानबूझकर लंबा सफर किया

ऑफिस की राजनीति किसे पसंद है? खासकर तब, जब कोई सीनियर सिर्फ नाम के लिए सीनियर हो और काम सब दूसरों के सिर मढ़ दे! ऐसे में कभी-कभी छोटी बदले वाली हरकतें ही दिल को सुकून देती हैं। आज की कहानी है एक महिला कर्मचारी की, जो अपने सीनियर को चुपचाप, बड़े ही मज़ेदार और देसी अंदाज़ में सबक सिखा देती है।

सोचिए, कोई आपके ऊपर अपना जिम्मा डाल दे, ऊपर से आपको गाड़ी भी चलानी पड़े? ऑफिस के लंचरूम की चाय की तरह ये बात भी गले के नीचे नहीं उतरती। लेकिन हमारी नायिका ने तो गजब कर दिया — बदले की आग में ऐसा देसी जुगाड़ लगाया कि बॉस भी हैरान रह गया!

जब मां ने कहा 'मुझे तुम्हारी ज़रूरत नहीं', बेटे ने ऐसा जवाब दिया कि इंटरनेट तालियां बजा उठा

कहते हैं, खून के रिश्तों में खटास आ जाए तो मिठास लौटाना आसान नहीं। लेकिन जब मां ही बेटे को सोशल मीडिया पर "पराया" बना दे, तो दिल पर क्या बीतती है, ये वही समझ सकता है। Reddit की एक पोस्ट ने हाल ही में हजारों लोगों का दिल छू लिया, जब एक बेटे ने अपनी मां से मिले ताने का जवाब बड़े ही 'पेटी' (छोटे-छोटे, मगर तीखे) बदले के अंदाज में दिया।

अगर आपने कभी परिवार में खुद को 'एक्स्ट्रा' या 'बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना' महसूस किया है, तो ये कहानी आपको जरूर अपने करीब लगेगी।