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हिसाब बराबर

जब दोस्ती में बिस्किट पर जंग छिड़ जाए: एक मीठा बदला

बचपन की दोस्ती में कभी-कभी छोटी-छोटी शरारतें भी बड़े किस्से बन जाती हैं। ऐसे ही एक मीठे बदले की कहानी Reddit पर वायरल हो रही है, जिसमें एक मामूली सी चॉकलेट चिप कुकी ने दो पक्के दोस्तों के बीच जंग छेड़ दी। यह किस्सा न सिर्फ हंसी-ठिठोली से भरा है, बल्कि बताता है कि दोस्ती में कभी-कभी ‘मौका पे चौका’ लगाना भी जरूरी है!

छोटी सी बदला-कहानी: डॉजबॉल के मैदान में नमक-मिर्च वाला बदला

बचपन की गर्मी की छुट्टियाँ... वो दिन जब खेल के मैदान में जितना पसीना बहता था, उतनी ही शरारतें भी होती थीं। स्कूल के बोरिंग क्लासरूम से बाहर निकलकर जब बच्चे खेल-कूद के कैम्प में इकट्ठा होते हैं तो दोस्तों के साथ-साथ कुछ 'दुश्मनियां' भी जन्म ले लेती हैं। ऐसी ही एक मज़ेदार और हल्की-फुल्की बदला-गाथा Reddit पर वायरल हो रही है, जिसे पढ़कर आप भी अपने बचपन के किस्से याद करने लगेंगे।

ऑफिस में नए हो? सहकर्मियों से बदतमीज़ी का ऐसा मिला जवाब कि हिल गया पूरा माहौल!

एक कार्यस्थल की एनिमे-शैली की चित्रण, जिसमें मित्रवत सहयोगी और अशिष्ट पर्यवेक्षक हैं, कार्यस्थल की गतिशीलता को दर्शाता है।
यह जीवंत एनिमे चित्रण कार्यस्थल की मानसिकताओं के बीच का अंतर प्रदर्शित करता है, खासकर नए कर्मचारियों के लिए सहयोगियों के बीच दयालुता के महत्व को। जानें कि कठिन संबंधों को कैसे संभालें, हमारे नवीनतम ब्लॉग पोस्ट में!

कार्यालय की दुनिया में अक्सर हम सुनते हैं – "ऑफिस को परिवार मत समझो, पर व्यवहार में मिठास ज़रूर रखो।" लेकिन अगर कोई नया-नया कर्मचारी आते ही सबको नीचा दिखाने लगे, तो क्या हो? आज की कहानी बिलकुल ऐसी ही एक मजेदार और दिलचस्प घटना है, जिसमें एक सहकर्मी ने चुपचाप ऐसा दांव चला कि पूरे ऑफिस का माहौल ही बदल गया।

नए कर्मचारी की बदतमीज़ी और ऑफिस में मिली 'छोटी सी' सज़ा

नए कर्मचारी का स्वागत करते कार्यालय में घुसते समय का नर्वस दृश्य।
हर नए कर्मचारी के लिए डरावना पल—पहला कार्य दिवस। जानें कैसे बेहतरीन छाप छोड़ें और सामान्य गलतियों से बचें, हमारे नवीनतम ब्लॉग पोस्ट में!

किसी भी ऑफिस में नए कर्मचारी का स्वागत बड़े उत्साह से किया जाता है। सब चाहते हैं कि नया बंदा टीम में जल्दी घुल-मिल जाए, माहौल अच्छा बना रहे। लेकिन सोचिए अगर पहला ही दिन हो, और नया लड़का ऐसा काम कर जाए कि सबका मूड खराब कर दे—तो क्या होगा? आज हम आपको सुनाने जा रहे हैं एक ऐसे ही ऑफिस की कहानी, जिसमें नामों की नोकझोंक ने नया रंग भर दिया।

जब पड़ोसी ने पार्किंग लाइन पार की – और मिला ‘चाय के साथ बदला’!

हम सबकी ज़िंदगी में कभी न कभी ऐसा पड़ोसी ज़रूर आता है, जो अपनी मनमानी से हमें तंग करता है। कभी तेज़ आवाज़ में म्यूजिक, कभी दीवार पर ड्रिलिंग, तो कभी–कभी बस अपनी मौजूदगी ही भारी लगने लगती है। लेकिन असली कहानी तो तब शुरू होती है जब बात अपनी जगह, अपने हक़ और अपनी ‘पार्किंग’ की हो!

आज की कहानी है एडिनबरा के एक साहब की, जिनका नाम है (मान लीजिए) अमित। अमित एक साधारण नौकरीपेशा इंसान हैं, लेकिन उनकी कहानी में ट्विस्ट तब आया जब उनके पड़ोसी डंकन ने ‘सीधी रेखा’ को सीधा मानने से इनकार कर दिया।

जब जिम में बदतमीज़ी का मिला जवाब बेसुरी आवाज़ में – एक छोटी सी जीत की कहानी

क्या आपने कभी ऐसा अनुभव किया है जब आपके आसपास अजीबोगरीब लोग आपकी शांति में खलल डाल देते हैं? सोचिए, सुबह 4 बजे की ठंडी-ठंडी हवा, सुनसान जिम, और आप सिर्फ खुद से मुकाबला कर रहे हैं। तभी कोई अचानक आता है, और बिना हेडफोन लगाए अपने गानों का जादू सभी के सिर पर चढ़ा देता है! इस कहानी में कुछ ऐसा ही हुआ, लेकिन अंत ऐसा मिला कि पढ़कर आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाएगी।

पिक मी' गर्ल Savannah का चालाकी भरा प्लान और उसकी छोटी सी हार

कभी-कभी ज़िंदगी में ऐसे लोग मिल जाते हैं, जिनकी हरकतें देखकर मन करता है – "हे भगवान, ये कहाँ फँस गए!" आज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। ये किस्सा है एक ऐसी लड़की Savannah का, जो दोस्ती के नाम पर सिर्फ मतलब निकालना जानती है और दूसरों के रिश्तों में टांग अड़ाने में माहिर है। Savannah की हरकतों ने न सिर्फ उसकी दोस्ती की नींव हिला दी, बल्कि उसे अपनी ही चाल में फँसा भी दिया।

जब पड़ोसी ने तेज़ म्यूज़िक बजाया, तो मैंने भी उसे उसी की दवा चखाई!

अपार्टमेंट में रहना जितना सुविधाजनक लगता है, उतनी ही चुनौतियाँ भी लेकर आता है — ख़ासकर जब पड़ोसी अपनी म्यूज़िक स्पीकर की आवाज़ से दीवारें हिला दे! सोचिए, आप थके-हारे सोने जा रहे हों और अचानक दीवार के उस पार से ‘धम-धम’ की बास सुनाई देने लगे। ऐसे में क्या करें? कान में रुई डालें, पंखा तेज़ चलाएँ या... कुछ और?

ऑफिस की 'गुप्त' सर्वे और बॉस की भद्द: जब सच सामने आया

"हमारे ऑफिस की सर्वे पूरी तरह गोपनीय है..." – अगर आपको भी कभी ये लाइन सुनने को मिली हो, तो भाई साहब, सोच-समझकर जवाब देना! आज की कहानी है एक ऐसे कर्मचारी की, जिसने ऑफिस की 'गुप्त' सर्वे में अपने जहरीले मैनेजर का पूरा कच्चा-चिट्ठा खोल दिया, और फिर जो हुआ, वो हिंदी फिल्मों के क्लाइमेक्स जैसा था।

कई बार ऑफिस की दुनिया किसी टीवी सीरियल से कम नहीं लगती। हर रोज़ नए ड्रामे, नए चेहरे, और गुप्त सर्वे नाम का वो "पर्दा" – जिसके पीछे अक्सर कुछ न कुछ पक रहा होता है। लेकिन जब पर्दा हटता है, तो असली खेल तब शुरू होता है...

जब ब्रेकअप के बाद लिपस्टिक वाले ग्लासेज़ ने एक्स-बॉयफ्रेंड की हवा टाइट कर दी!

“ब्रेकअप के बाद दिल टूटता है, पर अगर सही दोस्त साथ हो तो ज़िंदगी फिर मुस्कुराती है।” ये कहावत तो आपने सुनी ही होगी, पर आज मैं आपको एक ऐसी मज़ेदार और हल्की-फुल्की कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें दिल टूटने के बाद बदले की आग ने गुलाबी लिपस्टिक का रूप ले लिया। पढ़िए किस्सा उस अनोखे बदले का, जिसमें न मारपीट थी, न गाली-गलौज, बस थोड़ी सी शरारत और ढेर सारी हंसी!