बच्चों की चालाकी और बड़ों की चूक: ‘बाहर खेलो’ का असली मतलब
अगर आप भी कभी अपने भाई-बहन, बच्चों या पड़ोसी के बच्चों को संभालने की जिम्मेदारी निभा चुके हैं, तो आप अच्छे से जानते होंगे – बच्चों के दिमाग की चालाकी का कोई जवाब नहीं! कई बार हम बड़े उन्हें सीधा-सीधा कुछ बोल देते हैं, और वो उस बात को ऐसे घुमा-फिराकर मानते हैं कि हंसी छूट जाती है। आज की कहानी भी कुछ ऐसी ही है, जिसमें ‘बाहर खेलने’ का मतलब ही बदल गया।