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इंटरनेट की असली-नकली कहानियाँ: Reddit पर AI की बाढ़ और यूज़र्स की जंग

सोचिए, आप चाय की प्याली लिए आराम से Reddit पर अपनी पसंदीदा कहानियाँ पढ़ रहे हैं, और तभी आपको एहसास होता है कि शायद ये “कहानी” किसी इंसान ने नहीं, बल्कि किसी मशीन ने लिखी है! जी हाँ, आजकल Reddit जैसे सोशल प्लेटफॉर्म्स पर असली और नकली, यानी इंसान बनाम AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की जंग छिड़ी हुई है। कई यूज़र्स परेशान हैं कि असली मज़ा तो अब खो सा गया है, हर ओर नकलीपन और बनावटी कहानियाँ हैं। Reddit के r/MaliciousCompliance जैसे सबरेडिट्स, जो पहले असली किस्सों के लिए जाने जाते थे, अब AI की बाढ़ में बहते जा रहे हैं।

तो चलिए, आज इसी मुद्दे को चाय-समोसे के साथ मज़ेदार ढंग से समझते हैं—क्या वाकई Reddit पर असली-नकली की पहचान इतनी आसान है? और क्या AI की बाढ़ को रोकने का कोई जुगाड़ है?

Reddit की 'मालिकाना' शिकायत: असली बनाम नकली

हाल ही में u/hollyroo नामक यूज़र ने r/MaliciousCompliance पर एक दिलचस्प पोस्ट डाली—“कोई और भी है?” उनका गुस्सा साफ़ था: “AI और नकली चीज़ों से तंग आ चुका हूँ, ये सबरेडिट बर्बाद हो रहा है!” उनका सुझाव था कि अगर हम पोस्ट करने वाले (OP) के अकाउंट की उम्र (यानि कब बना था) देख लें, और अगर वह नया निकले तो समझ जाएँ कि ये नकली है और डाउनवोट कर दें। इससे नकली पोस्ट करने वालों का हौसला पस्त हो जाएगा—या शायद ये सिर्फ एक भ्रम है?

अब भई, भारतीय समाज में भी तो यही होता है—कोई नया आदमी मोहल्ले में दिखा नहीं कि सबकी शक़ की नज़रें उस पर! Reddit पर भी कुछ ऐसा ही है, लेकिन क्या नया अकाउंट देख कर ही किसी को नकली कहना सही है?

AI से डर या झुंझलाहट: जनता क्या कहती है?

एक यूज़र ने तो गुस्से में लिख डाला—“AI इंसानियत को मूर्ख बना रहा है, पर्यावरण नष्ट कर रहा है, ये तो महामारी है!” (भाई, AI को तो उन्होंने अपने मोहल्ले की बिजली चोरी करने वाली बिल्ली बना डाला!) वहीं, एक अन्य ने व्यंग्य किया, “मेरा अकाउंट सिर्फ 4 साल पुराना है… साफ़ है कि मैं AI हूँ!” (वैसे, हमारे यहाँ तो 4 साल बाद भी लोग ‘नया-नया’ ही कहलाते हैं!)

एक और यूज़र ने ज़रा गंभीर बात कही—“केवल अकाउंट की उम्र से असली-नकली पता नहीं चलता। कई लोग सालों तक Reddit पर चुपचाप रहते हैं, फिर अचानक पोस्ट डालते हैं। और कई बॉट्स पुराने अकाउंट्स को खरीद कर, या हैक कर के AI पोस्ट डाल देते हैं।” ये बात तो बिलकुल वैसी है जैसे हमारे यहाँ पुराने मकानों में नए किरायेदार घुस जाते हैं, और किसी को पता ही नहीं चलता असली कौन है!

एक ने तो ये भी कहा—“रेडिट पर कोई तरीका नहीं है कि 100% पक्का पता चल जाए कि पोस्ट असली है या AI की बनाई।” सही बात है, जैसे हमारे गाँव के हाट में नकली और असली घी की पहचान करना मुश्किल है!

‘Downvote’ की तलवार और असली मनोरंजन की तलाश

कई यूज़र्स ने सुझाव दिया कि जितना हो सके ऐसे नकली पोस्ट्स को डाउनवोट करो, ताकि AI का मनोबल टूटे। लेकिन एक यूज़र ने बड़ी साफगोई से कहा—“मुझे तो बस मनोरंजन चाहिए, चाहे असली हो या नकली, फर्क नहीं पड़ता!” इस पर एक और ने झट से जवाब दे दिया—“AI की बनाई कहानियाँ एकदम बोरिंग हैं, वही घिसी-पिटी 4-5 कहानियाँ बार-बार… असली मज़ा तो गायब हो गया है।”

यहाँ एक मज़ेदार बात सामने आई—“अगर आप स्रोत (source) की परवाह नहीं करेंगे, तो AI और भी बकवास कहानियाँ बनाता रहेगा, और एक दिन आप पूछेंगे—‘इंटरनेट पर सब अच्छा कहाँ गया?’” सही बात है, जैसे हरियाणा की लस्सी में अगर पानी मिलाओगे, तो असली स्वाद तो खो ही जाएगा!

असली-नकली की पहचान: क्या कोई तोड़ है?

एक यूज़र ने कहा—“रेडिट को चाहिए कि पोस्टर की उम्र प्रोफाइल के पास दिखाए, ताकि लोग समझ सकें।” लेकिन फिर भी, ये पक्का उपाय नहीं है। कई लोग सुरक्षा या गुमनामी के लिए नया अकाउंट बनाते हैं, खासकर तब जब कहानी निजी हो। जैसे हमारे यहाँ लोग गुपचुप नाम बदल कर प्रेम पत्र लिखते हैं, वैसे ही Reddit पर भी ‘थ्रोअवे’ (अस्थायी) अकाउंट बनते हैं।

किसी ने बड़ा पते की बात लिखी—“AI कंटेंट को हमेशा टैग किया जाना चाहिए, ताकि लोग जान सकें कि ये असली फोटो या कहानी है या नहीं।” ये बात बिल्कुल वैसी है जैसे देसी दुकानदार दूध पर ‘शुद्ध’ का बोर्ड टांग देते हैं—अब मान लो या ना मानो, आपकी मर्जी!

तो क्या AI की बाढ़ से बचा जा सकता है?

कुल मिलाकर, Reddit पर AI और नकली कहानियों की बाढ़ को पूरी तरह रोकना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है। जैसे गली-मोहल्ले में अफ़वाहें और नकली खबरें कभी काबू नहीं आतीं, वैसे ही इंटरनेट पर भी ये रुकने वाली नहीं। हाँ, जागरूकता ज़रूर ज़रूरी है—जैसे हमें असली-नकली घी, दूध या खबर की पहचान करनी पड़ती है, वैसे ही इंटरनेट पर भी सतर्क रहना होगा।

अंत में, पाठकों से सवाल

तो भाइयों और बहनों, क्या आपको भी लगता है कि इंटरनेट पर असली और नकली की पहचान अब आसान नहीं रही? क्या आप भी AI की कहानियों से परेशान हैं, या फिर सिर्फ मनोरंजन के लिए सब कुछ चलता है? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर बताइए—क्या आपको भी कभी Reddit या किसी और प्लेटफॉर्म पर ऐसा धोखा हुआ है?

चलते-चलते—समय चाहे कैसा भी हो, असली मज़ा तो वही है जिसमें ‘रूह’ हो, चाहे कहानी हो या चाय!


मूल रेडिट पोस्ट: Anyone else?